हर नेता के लिए अपने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाना जरुरी होता है
हर राजनीतिक दल के नेता के लिए अपने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाना जरूरी होता है। खासकर चुनाव के समय तो सभी को यह कहकर उत्साहित करना पड़ता है कि चुनाव तो हम ही जीत रहे हैं। वह अब तक चुनाव जीतते आएं हैं, ठीक हैं, इस बार उनको हम हरा देंगे। हमारे कार्यकर्ता ही उनके प्रत्याशी को हरा देंगे। कांग्रेस के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट ने रायपुर दक्षिण विधानसभा में प्रचार के दौरान अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि “कोई भी क्षेत्र किसी का गढ़ नहीं होता।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अयोध्या में बड़ी बातें करने वाले भाजपा नेता भी चुनाव में पिछड़ चुके हैं, और यदि कोई जनता के काम नहीं करता, तो उसका गढ़ भी गड्ढा बन जाता है।
सचिन पायलट के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषकों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा करने की रणनीति के रूप में देखा है। हालांकि, रायपुर दक्षिण में भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल का लगातार चार चुनावों में जीत का रिकॉर्ड रहा है, और इस सीट पर कांग्रेस के पिछले प्रत्याशी लगातार हारते आए हैं। हर भाजपा समर्थक का कहना है कि बृजमोहन की निरंतर जीत का कारण जनता के बीच उनकी सक्रियता और क्षेत्र के विकास कार्य हैं।
पायलट के रायपुर प्रचार में बड़े-बड़े दावों पर भाजपा का कहना है कि हर क्षेत्र के लोग भाजपा और बृजमोहन से संतुष्ट हैं, तभी उन्हें बार-बार चुनते हैं। रायपुर दक्षिण में पिछले चार चुनावों से कांग्रेस की हार होती रही है, और कई स्थानीय नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी यहां से चुनाव हारने के बाद चौपट हो गया है। पायलट के दावों पर कटाक्ष करते हुए भाजपा ने कहा कि यदि सचिन पायलट में चुनाव जिताने की क्षमता है, तो इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार को रायपुर दक्षिण से जिताकर दिखाएं।
चुनावी बयानबाजी का सिलसिला जारी
सचिन पायलट ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल गर्म है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि राजस्थान से हटाकर पायलट को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिससे राजस्थान की गुटबाजी से कांग्रेस को बचाया जा सके।
अब देखना होगा कि चुनाव परिणाम आने पर सचिन पायलट का यह दावा कितना सच साबित होता है, या फिर अन्य चुनावों की तरह कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ता है।