क्या त्रिपुरा के सियासी चक्रव्यूह को फिर भेद पाएगी BJP ?
त्रिपुरा में बीजेपी का राजनीतिक सफर आसान नहीं रहा है. विधानसभा में एक सीट जीतने के लिए उसे 35 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा था. 2018 में वो शून्य से सत्ता के शिखर पर पहुंच गई. अगले साल जिन 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें से 4 पूर्वोत्तर के राज्य हैं. इनमें नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम शामिल हैं. नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 12 से 22 मार्च के बीच खत्म हो रहा है. ऐसे में इन 3 राज्यों में फरवरी के आखिर में चुनाव होने की संभावना है.
सीटों के हिसाब से तो पूर्वोत्तर के ये राज्य छोटे हैं, लेकिन त्रिपुरा के चुनाव पर सबकी खास निगाह है. 2023 में त्रिपुरा के लिए 13वीं विधानसभा का चुनाव होगा. ये ऐसा राज्य है जो एक वक्त वामपंथी शासन का गढ़ था, लेकिन पिछली बार 2018 के चुनाव में बीजेपी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीएम की सत्ता को यहां से उघाड़ फेंका. अब आम लोगों से लेकर राजनीतिक विश्लेषकों के जेहन में ये सवाल गूंज रहा है कि क्या इस बार बीजेपी अपनी सत्ता बरकरार रख पाएगी या सीपीएम को फिर से मौका मिलेगा. क्या टीएमसी के रूप में राज्य के लोगों को नया विकल्प मिल सकता है. इन सभी सवालों के जवाब के लिए यहां के सियासी समीकरणों को समझना बेहद जरूरी है.