कांग्रेस ने किया लागू करने का वादा ओपीएस कर्नाटक में बना चुनावी मुद्दा…
बेंगलुरु (आईएएनएस)| कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में ओपीएस एक बड़ा मुद्दा बन गया है। राजनीतिक दल राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी और निराशा को भुनाने की कोशिश में जुटे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने बाजार से जुड़े एनपीएस को समाप्त करने वाले राज्यों का अध्ययन करके ओपीएस को फिर से शुरू करने के लिए एक समिति का गठन किया है। रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जाहिर है चुनाव में सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी से बचने के लिए पार्टी ने अपने कार्यकाल के अंत में यह कदम उठाया है। राज्य के मतदाताओं में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी हैं। ओपीएस को फिर से शुरू करने के लिए विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में ओपीएस के वादे के बाद यह विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बन गया। घोषणापत्र में लिखा है, 2006 से सेवा में शामिल पेंशन के पात्र सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस के विस्तार पर सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए। घोषणापत्र में पांच गारंटियों के बाद यह पार्टी के सबसे बड़े वादों में से एक है।