पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के ऐलान के साथ ही हिंसा शुरू हो गई
दिल्ली। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के ऐलान के साथ ही हिंसा शुरू हो गई है. ऐसे में पंचायत चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार को नामांकन वापस नहीं लेने की स्थिति में खामियाजा भुगतने की धमकी दी गई है.
यह मामला उत्तर 24 परगना जिले के खरदाह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बिलाकांडा-1 ग्राम पंचायत का है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बीजेपी उम्मीदवार सुषमा मृधा को यह धमकी दी है. सुषमा का कहना है कि अज्ञात हमलावरों ने शनिवार रात को उनके घर पर हमला किया.
उन्होंने बताया कि शनिवार रात को घर की घंटी बजी. गुंडों ने मेरे घर पर हमला किया. गेट तोड़ दिया गया. खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले गए. कई भाषाओं में मुझे गालियां दी गईं. मुझे धमकी दी गई कि मैं अपना नामांकन वापस ले लूं, वरना मेरे परिवार को मार दिया जाएगा. हमलावरों के चेहरे ढके हुए थे इसलिए मैं उनमें से किसी को पहचान नहीं पाई.
टीएमसी ने बीजेपी पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
आरोप है कि सिर्फ सुषमा ही नहीं बल्कि बीजेपी के कई अन्य उम्मीदवारों पर भी हमले हुए हैं और उन्हें भी नामांकन वापस लेने की धमकी दी गई है. इसकी निंदा करते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रविवार को न्यू बैकरपुर पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया.
टीएमसी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए बीजेपी के जिला नेता अरीजित बख्शी ने कहा कि ममता बनर्जी विपक्ष को यहां बिल्कुल स्थान नहीं देना चाहती. अब तक अब तक बीजेपी के जिन भी उम्मीदवारों ने नामांकन भरा हैं, उन्हें नामांकन वापस लेने की धमकी दी गई है. उनके घरों पर हमले किए गए हैं.
हालांकि इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राज्य के कृषि मंत्री और खारदाह विधानसभा क्षेत्र से विधायक सोवनदेब चटर्जी ने कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है. किसी ने कुछ नहीं कहा है. इस तरह का कोई दबाव नहीं है. किसी से नामांकन वापस लेने को नहीं कहा गया है. हम पहले ही आधी सीटें जीत चुके हैं, हम बाकी सीटें भी जीत जाएंगे.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होंगे. वहीं, 11 जुलाई को मतगणना होगी.