आम आदमी पार्टी का समान नागरिक संहिता का समर्थन करने का ऐलान विपक्षी एकता को झटका साबित हो सकता है
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) ने सैद्धांतिक रूप से देशवासियों के लिए समान नागरिक संहिता का समर्थन करने का ऐलान विपक्षी एकता को बड़ा झटका साबित हो सकता है।
आप के नेशलन जनरल सेक्रेटरी ( ऑरगानाइजेश) और राज्यसभा से सांसद संदीप पाठक ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन कर रहे हैं।
संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसे सपोर्ट करता है। चूंकि यह मुद्दा सभी धार्मिक समुदायों से संबंधित है, इसलिए आम सहमति बनाने के लिए व्यापक विचार-विमर्श और प्रयास होने चाहिए। बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
आप नेता की टिप्पणी 2024 के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए बेहद अहम मानी जा रही है। खासकर तब समान नागरिक संहिता के लिए भाजपा के नए सिरे से जोर देने की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है। उसी तरह अलग-अलग कानूनों पर नहीं चल सकता है। ये ठीक वैसी ही बात है कि एक परिवार के विभिन्न सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम काम नहीं कर सकते।
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए पिछले सप्ताह पटना में विपक्ष की बैठक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आप के लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल होगा जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। ऐसा तब तक है जब तक कांग्रेस दिल्ली में केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध नहीं करती।
उनका कहना है कि केंद्र का अध्यादेश दिल्ली में नौकरशाहों को नियंत्रित करने का प्रयास करता है। इस अध्यादेश में कहा गया है कि इसका उद्देश्य सेवाओं के प्रशासन की एक व्यापक योजना प्रदान करना है जो भारत के राष्ट्रपति के माध्यम से प्रतिबिंबित पूरे देश की लोकतांत्रिक इच्छा के साथ दिल्ली के लोगों के स्थानीय और घरेलू हितों को संतुलित करता है।
पाठक ने कहा कि विपक्षी दलों का एक साथ आना और बीजेपी को सत्ता से हटाना जरूरी है। लेकिन यह अन्य विपक्षी दलों के प्रति कांग्रेस पार्टी के रवैये पर निर्भर करेगा।