पिछले 9 वर्षों में हिट रही पीएम मोदी की ये 10 पंचलाइन, जिन्होंने विपक्ष को कर दिया धाराशायी
17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 73वां जन्म दिवस मनाने जा रहे हैं। इस खास मौके पर देश भर में जश्न की तैयारी की गई है। इस मौके पर कई कार्यक्रम भी रखे गए हैं। इसके अलावा देश के 70 स्थानों पर 70 मंत्रियों की मौजूदगी रहेगी जो कि पीएम के जन्मदिन को खास बनाएंगे।
इस मौके पर देशवासियों को एक खास तोहफा भी मिलने वाला है। दरअसल, सरकार देशवासियों के लिए Ayushman Bhava Campaign की भी लॉन्चिंग करने जा रही है।
तो चलिए, इन सब के बीच आज हम आपलोगों को पीएम मोदी की पिछले 9 वर्षों में हिट रही 10 पंचलाइन की चर्चा करेंगे जिन्होंने विपक्ष को हर मोर्चे पर धाराशायी कर दिया। हम बताएंगे कि पीएम मोदी ने कैसे शायरी और कविता से विपक्ष को चुप होने पर मजबूर कर दिया…
ये हैं पीएम मोदी की 10 हिट पंचलाइन
काका हाथरसी की कविता पढ़ विपक्ष को किया चारों खाने चित्त
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर करारा वार किया था। उन्होंने इस दौरान काका हाथरसी की कविता पढ़ी और कहा कि ‘पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल मिर्च और हरी मिर्च का फर्क नहीं समझ पाए’। भेष बदलकर धोखा देने वालों की फितरत सामने आ गई है, फिर उन्होंने कविता की पंक्ति पढ़ी- दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर, भागचंद की आज तक सोई है तकदीर।
परिवारवाद पर करारा वार
15 अगस्त पर संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि आज परिवारवाद और तुष्टीकरण ने हमारे देश को बर्बाद कर दिया है। किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? उनके लिए उनका जीवन मंत्र है- परिवार की पार्टी, परिवार द्वारा और परिवार के लिए काम करना।
राहुल गांधी को बताया था फेल प्रोडक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला था। पीएम मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ‘मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूं, वर्षों से एक ही फेल प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करते हैं’
लाल चौक पर तिरंगा फहराने को लेकर विपक्ष पर बोला था हमला
बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग हाल ही में लाल चौक पर तिरंगा फहराकर आए, उन्होंने देखा होगा कि आज आप किस तरह से बिना किसी डर और बाधा के यहां पर घूम-फिर सकते हैं। उन्होंने 90 के दशक को याद दिलाया और कहा कि मैं भी गया था। लाल चौक पर झंडा फहराने का संकल्प लेकर निकला था। उस दौरान आतंकियों ने विरोध में पोस्टर लगाए, उसमें लिखा गया था लाल चौक पर झंडा फहराने वालों को बुरा अंजाम भुगतना होगा। तब हमने कहा कि देखते हैं हमें कौन रोक पाएगा। तब हमने बिना परवाह किए तिरंगा फहराया।