विश्वास सूचकांक बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत
सीएलएल का कारोबारी विश्वास सूचकांक वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़कर 67.1 पर पहुंच गया। इससे प्रतिकूल वैश्विक हालात के बावजूद इंडियन इकोनामी की मजबूती का पता चलता है। यह सूचकांक इससे पिछली तिमाही में 66.1 और पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 62.2 है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीएलएल) ने कहा कि कारोबारी विश्वास सूचकांक दूसरी तिमाही में जीएसटी कलेक्शन, हवाई और रेल यात्री यातायात, पीएमआई जैसे हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स में देखे गए सकारात्मक रुझानों की पुष्टि करता है। सर्वेक्षण में लगभग आधे उत्तरदाताओं (52 प्रतिशत) को चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद है। ज्यादातर उत्तरदाताओं (66 प्रतिशत) को लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में 6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह आंकड़ा मोटे तौर पर आरबीआई और अन्य बहुपक्षीय एजेंसियों के पूर्वानुमानों के अनुरूप है। ब्याज दरों को लेकर आधे से अधिक उत्तरदाताओं, लगभग 58 प्रतिशत ने कहा कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखेगा। सीएलएल के डॉयरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि 2023-24 की दूसरी तिमाही में सीएलएल कारोबारी विश्वास सूचकांक में सुधार उत्साहजनक है और इससे उद्योग जगत के जमीनी अनुभव का पता चलता है।