Budget 2023: टैक्स पेयर्स को फायदा देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने बदल दिया था 73 साल पुराना ये नियम
रायपुर। आम बजट ( Budget 2023) पेश होने में ज्यादा समय नहीं बचा है। इस साल यानी 2023 के फरवरी महीने में आम बजट पेश किया जाएगा। यह साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sithraman) की ओर से पेश किया जाने वाला पांचवां बजट ( Budget 2023) होगा। सरकार की कोशिश है कि इस बजट से किसानों से लेकर नौकरीपेशा तक आदि सभी सेक्टरों के लोगों को खुश किया जाए। मोदी सरकार से इस बार आम बजट ( Budget 2023) में सभी वर्गों के लोग उम्मीद भी लगाए बैठे हैं। मोदी सरकार ने पिछले सालों में बजट में कई तरह के बदलाव किए हैं। मोदी सरकार ने टैक्स पेयर्स को ध्यान में रखते हुए भी एक बदलाव किया था। हालांकि बहुत से लोग इस बदलाव को अभी पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं। दरअसल मोदी सरकार ने टैक्स पेयर्स के फायदे के लिए आम बजट 2020-21 में यह बदलाव किया था। ये बदलाव वैकल्पिक आयकर व्यवस्था का था। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से 2020-21 में न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) और ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) की व्यवस्था शुरू की गई थी। इन दोनों में से टैक्स पेयर को किसी एक को सिलेक्ट करना होता है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि निम्म आय वर्ग के लोग ओल्ड टैक्स रिजीम में 7-10 तरह से टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
ओल्ड टैक्स रिजीम क्या है
ओल्ड टैक्स रिजीम या पुरानी कर व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है। इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है। पांच लाख से 10 लाख रुपये के बीच 20 प्रतिशत और 10 लाख से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।
न्यू टैक्स रिजीम
न्यू टैक्स रिजीम में ढाई लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है। इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत, पांच लाख से 7.5 लाख रुपये तक आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 लाख से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत, 12.5 लाख से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है।