कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एआई तकनीको का होगा इस्तेमाल

भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) कृषि विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के तकनीकी सहयोग से अखिल भारतीय स्तर पर ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके नैनो यूरिया व नैनो डीएपी जैसे नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है। ड्रोनएआई एक एकीकृत कार्यक्रम है जो ड्रोन, नैनो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मोबाइल प्रौद्योगिकियों के संयोजन से नैनो उर्वरकों व अन्य कृषि रसायनों चरणबद्ध अनुप्रयोग को बढ़ावा देता है।किसान अपने मोबाइल ऐप के माध्यम से इन उन्नत तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।

यह तकनीक छिड़काव को कुशल, लागत प्रभावी और सुरक्षित बना देगा। इसके इस्तेमाल से किसान छिड़काव करते समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सॉफ्टवेयर फसल की वृद्धि और स्वास्थ्य का पता लगा सकता है। इससे किसानों को स्मार्ट खेती की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस एक सफल ड्रोन छिड़काव प्रणाली का निर्माण करना, ग्रामीण युवाओं व किसानों के साथ समन्वय से प्रणाली को संचालित करना और उन्हें उन्नत प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करना है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा मिल सके।

ड्रोन, उनके परिवहन वाहन और सुरक्षित उड़ान से संबंधित सभी अनिवार्य प्रोटोकॉल इस प्रक्रिया में अंतर्निहित हैं और किसान अनुकूल मोबाइल ऐप की मदद से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कृषि क्षेत्र में एकीकृत ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा सकता है। यह किसानों को स्मार्ट खेती की ओर बढ़ने में मदद करेगा। ड्रोनएआई खेती में ड्रोन प्रौद्योगिकी की प्रभावी ढंग से निगरानी और मार्गदर्शन करने में मदद करेगा और किसानों को कम लागत पर बड़े क्षेत्रों में सुरक्षित रूप से नैनो उर्वरक और कृषि रसायन का स्प्रे करने को बढ़ावा देगा।

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