कांग्रेस का टिकट आकाश शर्मा के नाम, दावेदारों के दिलों में ‘शायरी’ का तूफान
रायपुर । रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी सुनील सोनी के खिलाफ आकाश शर्मा को मैदान में उतारा है। आकाश शर्मा के नाम की घोषणा के बाद पार्टी में किसी ने सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं किया, लेकिन टिकट की दौड़ में शामिल कुछ कांग्रेस नेताओं के सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा का विषय बने हुए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपचुनाव में मिलकर काम करने और पार्टी प्रत्याशी को जिताने की बात कर रहे हैं, लेकिन खास ध्यान दो प्रमुख नेताओं पर है, जो इस सीट से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। इनमें रायपुर नगर निगम के सभापति और पूर्व महापौर प्रमोद दुबे और कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल शामिल हैं, जो पहले भी रायपुर दक्षिण सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि दोनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से पार्टी प्रत्याशी का समर्थन करने की बात कही है, मगर उनके सोशल मीडिया पोस्ट टिकट नहीं मिलने की नाराजगी को इशारों में जाहिर करते दिख रहे हैं।
न पाने की चिंता न खोने का डर है ।
जिंदगी का सफर,अब सुहाना सफर है।।— Pramod Dubey (@PramodDubeyCong) October 23, 2024
सोशल मीडिया पोस्टों की चर्चा:
प्रमोद दुबे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “न पाने की चिंता न खोने का डर है, जिंदगी का सफर अब सुहाना सफर है।” उनके इस पोस्ट को टिकट नहीं मिलने की पीड़ा से जोड़ा जा रहा है। वहीं, कन्हैया अग्रवाल ने वाहिद अली वाहिद की लोकप्रिय कविता का एक अंश साझा किया है: “द्वंद्व कहां तक पाला जाए, युद्ध कहां तक टाला जाए। तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहां तक भाला जाए।” इस कविता को भी कई लोग उनकी भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं।
द्वन्द कहाँ तक पाला जाए
युद्ध कहाँ तक टाला जाए,
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहाँ तक भाला जाए..@bhupeshbaghel @chandanjnu @ANI @DainikBhaskar @DeepakBaijINC @DrCharandas @IBC24News @Kumari_Selja @kunal492001 @MDSIDDIQUEINC— Kanhaiya Agrawal (@KanhaiyaAgrawl) October 23, 2024
प्रतिक्रिया और स्थिति:
पार्टी के नेताओं ने सार्वजनिक रूप से एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया है, लेकिन अंदरखाने इन सोशल मीडिया पोस्टों ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है। प्रमोद दुबे और कन्हैया अग्रवाल दोनों ही टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, और उनके द्वारा साझा किए गए ये संदेश कहीं न कहीं पार्टी के भीतर की हलचल को उजागर करते हैं।
अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आगामी चुनावों में कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी एकता और अनुशासन कैसे काम करता है, और क्या ये सोशल मीडिया पर उभरी भावनाएं पार्टी के अभियान पर कोई असर डालेंगी या नहीं।