शराब कारोबारी ने तालाब को बनाया मैदान, SDM ने ठोका जुर्माना…
हफ्ते भर में कब्ज़ा हटाने और तालाब खोदने के निर्देश
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के प्रमुख शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार ने बिलासपुर के सरकंडा इलाके में स्थित तालाब की जमीन को पाटकर उसे मैदान में तब्दील कर दिया है। तालाब के मूल स्वरुप को नष्ट करते हुए इस जमीन पर तार की फेंसिंग कर दी गई है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी ने भाटिया परिवार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और तालाब को सात दिनों के भीतर मूल स्वरुप में लाने का निर्देश दिया है। जारी नोटिस में यह भी चेतावनी दी है कि आदेश पर अमल नहीं करने की स्थिति में जिला प्रशासन तालाब की खोदाई करवाएगा और इसका खर्चा भी शराब व्यवसायी से वसूला जाएगा।
सरकंडा में तालाब की जमीन पर कब्जा
बिलासपुर शहर के अरपापर सरकंडा चांटीडीह पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर में स्थित भूमि को अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, उनके भाई गुरमित सिंह पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरुशरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के द्वारा मौजा चांटीडीह स्थित भूमि खसरा नंबर 7 तालाब का हिस्सा जिसका रकबा 0.50 ए है, मिट्टी डालकर पाट दिया है। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को लगने पर बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी ने संज्ञान में लिया है। छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन किए जाने पर सहिंता की धारा 253 के तहत दंडनीय अपराध होने के चलते एसडीएम ने मामले की जांच का निर्देश देते हुए तहसीलदार से जांच प्रतिवेदन पेश करने का निर्देश दिया था।
राजस्व दस्तावेज में तालाब की जमीन,वर्तमान में भाटिया परिवार के नाम पर
जांच के दौरान पता चला कि चांटीडीह स्थित पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 06,07 रकबा क्रमशः 0.424, एवं 1.193 हेक्टेयर अधिकार अभिलेख में तुकाराम पिता लक्ष्मण साव, साकिन जूना बिलासपुर के नाम पर दर्ज है। संशोधन पंजी वर्ष 1962–63 के सरल क्रमांक 179 के अनुसार वाजिब उल अर्ज में उपरोक्त भूमि पैठू, ताल,पानी के नीचे दर्ज है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा 7/2,7/3,7/4 रकबा क्रमशः 0.283,0.263,0.263 हेक्टेयर भूमि अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह पिता हरवंश सिंह, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के नाम पर दर्ज है। जिसे उनके द्वारा मिट्टी डालकर लगभग 0.50 एकड़ रकबे को पाटा जा चुका है। तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नोटिस के जवाब में शराब कारोबारी ने तालाब को पाटने से इनकार किया था। शराब कारोबारी द्वारा तालाब को पाटने से इन्कार करने पर एसडीएम बिलासपुर ने तहसीलदार को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने कहा था।
एसडीएम का आदेश और चेतावनी
अतिरिक्त तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने भाटिया परिवार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका और उन्हें सात दिनों के भीतर तालाब को उसके मूल स्वरुप में लाने का निर्देश दिया। साथ ही, चेतावनी दी कि अगर वे इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो प्रशासन खुद तालाब की खोदाई करेगा और इसका खर्च भी भाटिया परिवार से वसूला जाएगा।
इस मामले में प्रशासन की सख्ती से अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई का संदेश दिया गया है, जिससे शहर के अन्य मामलों में भी कड़ा रुख अपनाने की संभावना है।