निर्माणाधीन भगवान शांतिनाथ जिन चैत्यालय का वेदी शिलान्यास 17 नवंबर को

रायपुर । राजधानी के अशोका रतन शंकर नगर में भगवान शांतिनाथ का मंदिर (चैत्यालय) निर्माणाधीन है। यह मंदिर रायपुर में जैन समाज के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ते हुए, क्षेत्र के जैन परिवारों के समर्पण और सामूहिक प्रयास का प्रतीक बन रहा है। अशोका रतन निवासी जैन परिवारों ने अपने बुजुर्गों और बच्चों के लिए देव दर्शन को सुलभ बनाने हेतु अपने ही सोसाइटी में इस चैत्यालय का निर्माण करने का संकल्प लिया था, जो अब लगभग पूर्णता की ओर है।

मंदिर निर्माण की विशेषताएं
यह रायपुर का पहला पीले पाषाणों से निर्मित जिन चैत्यालय है, जिसकी भव्यता और छटा अद्वितीय है। इस मंदिर का भूमिपूजन आचार्य विद्यासागर महामुनिराज ने  किया था। यह स्थान जैन और जैनेतर समाज के लिए सुख-शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनेगा। निर्माण का दायित्व जैन समाज के वरिष्ठ श्रावक और शंकर नगर मंदिर के अध्यक्ष मनीष जैन (बिलासपुर) को सौंपा गया, जो अपनी इंजीनियरिंग विशेषज्ञता और श्रावक धर्म का पालन करते हुए तन, मन, धन से इस कार्य को पूर्ण कर रहे हैं।

कार्यक्रम की रुपरेखा
वेदी शिलान्यास रविवार, 17 नवंबर को प्रातः 7:30 बजे आयोजित होगा। वेदी जिसमे जिन प्रतिमाओं को विराजमान किया जाना है उसका शिलान्यास ब्रह्मचारी सुनील भैया के मार्गदर्शन मे अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान् पंडित अजित शास्त्री द्वारा विधिविधान से संपन्न होगा। इस अवसर पर सर्व विघ्नहर्ता भक्तामर विधान, वेदी शिलान्यास पूजन होगा। इसी दिन आचार्य गुरुवर विद्यासागर महामुनिराज का आचार्य पदारोहण दिवस भी मनाया जाएगा।

आगामी कार्यक्रम और प्रतिष्ठा विधान
मंदिर निर्माण के पूर्ण होने पर पंचकल्याणक महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसमें भगवान श्री शांतिनाथ जी की प्रतिमाएं शुभ मुहूर्त में वेदी पर प्रतिष्ठापित की जाएंगी।

समाज का सहयोग और आमंत्रण
अशोका रतन के जैन परिवारों ने इस पावन अवसर पर रायपुर के सभी जैन मंदिरों में जाकर पदाधिकारियों और समाज के सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया है। उन्होंने सभी से इस शुभ अवसर में सहभागिता की अपील की है।

भगवान शांतिनाथ का यह चैत्यालय न केवल जैन समाज के लिए आस्था का केंद्र होगा, बल्कि यह समूचे रायपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को समृद्ध करेगा। समाजजन इस अद्वितीय प्रयास से जुड़े हर व्यक्ति का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

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