सक्ती में 651 परिवारों की सनातन धर्म में घर वापसी
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने किया नेतृत्व
रायपुर । छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में सर्व सनातन हिंदू समाज के बैनर तले आयोजित विराट हिंदू सम्मेलन के दौरान 651 धर्मान्तरित परिवारों ने सनातन धर्म में वापसी की। भारतीय जनता पार्टी के नेता और अखिल भारतीय घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इन परिवारों का पांव पखारकर स्वागत किया।
सनातन धर्म में वापसी: पिता की विरासत को आगे बढ़ाया
रायपुर में एक प्रेस वार्ता में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने बताया कि वे अपने पिता, हिंदू कुल तिलक स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के घर वापसी अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके पिता ने हजारों धर्मांतरित परिवारों को पुनः सनातन धर्म में लाने का पुनीत कार्य शुरू किया था।
सक्ति के विराट सम्मेलन में कई संतों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों की उपस्थिति में 651 परिवारों ने अपनी मूल संस्कृति में वापसी की। कार्यक्रम में जामड़ी पाटेश्वर धाम के संत रामबालक दास, साध्वी प्रज्ञा, मटकू द्वीप के संत राम रूप दास, सांसद महेश कश्यप, सांसद कमलेश जांगड़े, और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
धर्मांतरण पर प्रबल प्रताप का बयान
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने ईसाई मिशनरियों पर आरोप लगाया कि वे वर्षों से सक्ती और आसपास के क्षेत्रों में भोले-भाले जनजातीय समुदायों को भ्रमित कर धर्मांतरण करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, “धर्मांतरण से क्षेत्र की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को नुकसान हो रहा है। यह हमारे समाज और देश के लिए खतरा है।”
उन्होंने आगे कहा कि धर्मांतरण के कारण जनजातीय समाज की पहचान संकट में है। मिशनरियों के बहकावे में आकर धर्म परिवर्तन करने वाले लोग अपने मूल सांस्कृतिक मूल्यों से कट रहे हैं। बस्तर और अन्य जनजातीय क्षेत्रों में इस सांस्कृतिक संघर्ष के कारण कई हिंसात्मक घटनाएं हो चुकी हैं।
सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा का आह्वान
प्रबल प्रताप सिंह ने सभी सनातनियों से अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमें उन लोगों को अपने मूल धर्म में लौटने का अवसर देना चाहिए, जो लोभ या दबाव में धर्मांतरित हो गए हैं। हमारे देश की सांस्कृतिक जड़ों को सुरक्षित रखना सभी का कर्तव्य है।”
सनातन योद्धाओं का सम्मान
कार्यक्रम में धर्म सेना के सक्ती जिला अध्यक्ष श्याम चौहान और बस्तर के खेम नेताम का विशेष अभिनंदन किया गया। श्याम चौहान ने मिशनरी माफिया के दबाव को अस्वीकार किया और अपनी आस्था पर अडिग रहे। वहीं, खेम नेताम ने धर्मांतरण के खिलाफ संघर्ष किया, जिसके चलते उन्हें छह महीने जेल में भी रहना पड़ा।
विराट हिंदू सम्मेलन की सफलता का श्रेय धर्म सेना की टीम और संयोजिका श्रीमती अंजू गभेल को दिया गया। कार्यक्रम में हजारों धर्म प्रेमियों ने भाग लिया और सनातन धर्म की महत्ता को लेकर एकजुटता प्रकट की।
सनातन धर्म का संदेश
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने धर्मान्तरित परिवारों से अपील की कि वे अपनी मूल संस्कृति में लौटें और देश की एकता व अखंडता को मजबूत करें। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करना होगा।”
इस कार्यक्रम ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ जनजागृति और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को एक नई दिशा दी है।