मुकेश चंद्रकार हत्याकांड: तीन आरोपी गिरफ्तार, अवैध निर्माण पर भी चला बुलडोजर
गुमशुदगी से हत्या तक, बीजापुर पुलिस का बड़ा खुलासा
बीजापुर । जिले के पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। 01 जनवरी 2025 की रात 8:30 बजे से घर से लापता मुकेश चंद्रकार का शव 3 जनवरी को एक सीमेंट फ्लोरिंग किए गए सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। पुलिस ने मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और ठेकेदार सुरेश चंद्रकार सहित अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
गुमशुदगी की सूचना और शुरुआती जांच
मुकेश चंद्रकार की गुमशुदगी की सूचना उनके बड़े भाई युकेश चंद्रकार ने 02 जनवरी को बीजापुर थाना कोतवाली में दी। इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गुम इंसान क्रमांक 01/2025 दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक युलैंडन यार्क के नेतृत्व में तीन टीमें गठित की गईं।
सेप्टिक टैंक में मिला शव
जांच के दौरान पुलिस ने मुकेश के रिश्तेदारों और सहकर्मियों से पूछताछ की। तकनीकी साक्ष्यों और अंतिम लोकेशन के आधार पर चट्टान पारा स्थित सुरेश चंद्रकार के बाड़े में खोजबीन शुरू की गई। एक नए सीमेंट फ्लोरिंग वाले सेप्टिक टैंक को संदिग्ध मानते हुए तहसीलदार और एफएसएल टीम की मौजूदगी में उसे तोड़ा गया। टैंक खोलने पर एक शव मिला, जिसकी पहचान हाथ पर बने टैटू से मुकेश चंद्रकार के रूप में हुई।
हत्या की वारदात और वजह
पुलिस के अनुसार, हत्या 01 जनवरी की रात को हुई। आरोपी रितेश चंद्रकार, जो मृतक के रिश्ते में भाई हैं, ने पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों पर बहस के दौरान मुकेश पर लोहे की रॉड से वार किया। सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके ने वार में साथ दिया। हमले में मुकेश की मौके पर ही मौत हो गई। शव को छुपाने के लिए उसे सेप्टिक टैंक में डालकर सीमेंट फ्लोरिंग कर दी गई।
गिरफ्तारी और साजिश का खुलासा
पुलिस ने मुख्य आरोपी रितेश चंद्रकार को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा। महेंद्र रामटेके और दिनेश चंद्रकार को बीजापुर से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि हत्या के सबूत मिटाने के लिए साजिश रची गई थी। आरोपी रितेश ने घटना के बाद रायपुर से दिल्ली जाने की योजना बनाई थी।
फरार आरोपी और संपत्तियों की जांच
मुख्य आरोपी सुरेश चंद्रकार की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों द्वारा संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। सुरेश की संपत्तियों और बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। अब तक तीन बैंक खातों को होल्ड किया गया है और अवैध निर्माण यार्ड को ध्वस्त किया गया है।
SIT गठित, सख्त कार्रवाई का आश्वासन
मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय SIT टीम का गठन किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही चार्जशीट अदालत में पेश की जाएगी।
यह घटना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए गहरी चिंता का विषय है। पुलिस द्वारा मामले की तेजी से जांच और कार्रवाई सराहनीय है।