प्राचीन संस्कृति और पर्यटन का संगम है पलारी का सिद्धेश्वर शिव मंदिर

बालसमुंद जलाशय में पर्यटक उठा रहे बोटिंग का आनंद, समूह की महिलाओं ने संभाला संचालन

बलौदाबाजार । छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बलौदाबाजार – भाटापारा जिले के नगर पंचायत पलारी स्थित सिद्धेश्वर शिव मंदिर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।जनपद पंचायत मुख्यालय पलारी  स्थित यह प्राचीन मंदिर जिले का सबसे बड़ा तालाब बालसमुंद तालाब के तटबंध पर स्थित है और 7वीं-8वीं शताब्दी ईस्वी में निर्मित है।

इतिहास और वास्तुशिल्प की अद्वितीयता
मंदिर की संरचना लाल ईंटों से की गई है और यह पश्चिमाभिमुखी है। इसके द्वार पर नदी देवियां गंगा और यमुना त्रिभंग मुद्रा में अंकित हैं, जबकि सिरदल पर त्रिदेवों और शिव विवाह का दृश्य उत्कृष्ट शिल्पकला का प्रतीक है। गर्भगृह में सिद्धेश्वर शिवलिंग प्रतिष्ठित है और शिखर भाग कीर्तिमुख, गजमुख, और व्याल की अलंकृत आकृतियों से सजा हुआ है। राज्य शासन के मंशानुरूप जिला प्रशासन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस मंदिर को पर्यटन स्थल के रुप मे विकसित की जा रही है।

बिहान समूह द्वारा नौका विहार का संचालन-
सिद्धेश्वर शिव मंदिर के समीप स्थित बालसमुंद तालाब में बिहान समूह की महिलाओं द्वारा नौका विहार सेवाएं संचालित की जा रही हैं। यह पहल न केवल स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर रही है। नौका विहार का संचालन पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है साथ ही स्थानीय समुदाय की आय के स्रोतों को भी बढ़ावा देता है। यह प्रयास ग्रामीण पर्यटन और महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। प्रयास क्लस्टर संगठन की दीदियों के द्वारा नौका विहार का सप्ताह के सातों दिन संचालित किया जाता है। इन दीदियों ने  साल भर में 8 से 10 लाख रुपए की आय इस नौका विहार से प्राप्त कर चुकी है। इस बाल समुन्द नौका विहार में मोटर बोट, पैडल बोट, बेबी बोट, वॉटर रोलर, कवास व ट्रैपोलिन के माध्यम से यहां आने वाले पर्यटक बोटिंग का आनन्द लेते है। प्रयास क्लस्टर संगठन की अध्यक्ष श्रीमती अनीता गोयल कहती है कि शासन ने इस बाल समुन्द नौका विहार को संचालित करने की जिम्मेदारी हम महिलाओं को दी है इसके लिए मैं शासन का धन्यवाद करती हूं। इसके जरिए हम महिलाएं बिहान समुह से जुड़कर अपनी आजीविका चला रहे है और आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बन रहे है। यह हम महिलाओं के लिए बहुत ही सहयोगी सिद्ध हुआ है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री का बहुत बहुत धन्यवाद करती हूं।

ऐतिहासिक धरोहर को देखने जरूर आएं –

प्रदेशवासियों और पर्यटकों से अनुरोध है कि वे इस ऐतिहासिक धरोहर को देखने आएं और छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करें।

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