ACB का बड़ा एक्शन: प्राचार्य, बीईओ, बाबू व शिक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार
रायपुर । छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्राचार्य, बीईओ, बाबू और एक शिक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई दो अलग-अलग मामलों में की गई, जिनमें सेवानिवृत्त प्रधान पाठक और सहायक शिक्षक से रिश्वत मांगे जाने की शिकायतें शामिल थीं।
सेवानिवृत्त प्रधान पाठक से रिश्वत लेते प्राचार्य और बाबू गिरफ्तार
मामला बिलासपुर जिले के जरहागांव मुंगेली का है। सेवानिवृत्त प्रधान पाठक ईश्वर लाल भारती ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि जीपीएफ पेंशन और ग्रेच्यूटी राशि के बिल निकालने के एवज में शा.उ.मा.वि. पदमपुर, मुंगेली के डीडीओ सह प्राचार्य मालिक राम मेहर और बाबू हनी शर्मा ने 20,000 रुपये रिश्वत की मांग की।
शिकायतकर्ता ने 10,000 रुपये देने के बावजूद 8,000 रुपये और रिश्वत मांगे जाने पर एसीबी से संपर्क किया। आज 10 जनवरी को ट्रैप लगाकर एसीबी ने दोनों आरोपियों को 8,000 रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
स्थानांतरित सहायक शिक्षक से रिश्वत लेते बीईओ और सहयोगियों को पकड़ा
दूसरा मामला सरगुजा जिले का है। सहायक शिक्षक चमर साय पैकरा, जो जशपुर जिले के बागबहार स्कूल में पदस्थ हैं, ने शिकायत की थी कि उनके स्थानांतरण के बाद वेतन आहरण के लिए एलपीसी (अंतिम वेतन प्रमाण पत्र) और सेवा पुस्तिका देने के एवज में विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) मिथिलेश सिंह सेंगर, बाबू राजकुमार प्रसाद और शिक्षक अनुराग बरई ने 15,000 रुपये रिश्वत मांगी।
शिकायत की जांच के बाद आज 10 जनवरी को एसीबी ने ट्रैप लगाकर तीनों आरोपियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
छत्तीसगढ़ एसीबी की यह कार्रवाई शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त संदेश देती है। विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की यह सक्रियता कर्मचारियों के लिए नजीर बन सकती है।