कबीरधाम में 10 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने किया आत्मसमर्पण

कवर्धा । राज्य सरकार की नई नक्सल पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर नक्सली दंपति ने 18 जनवरी को कबीरधाम पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित नक्सली रमेश उर्फ मेस्सा बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 के डिप्टी कमांडर के पद पर था, उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 की सदस्य के रूप में कार्यरत थी और दोनों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। दोनों ने कबीरधाम एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण किया और एसपी ने पुष्पगुच्छ देकर मुख्यधारा में लौटने के लिए उनका स्वागत किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में घोषित नई पुनर्वास नीति ने आत्मसमर्पण के लिए सकारात्मक माहौल तैयार किया है। रमेश उर्फ मेस्सा और उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में, जो नक्सली संगठन के ऊंचे पदों पर थे, ने संगठन के आंतरिक संघर्ष और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। आत्मसमर्पित दंपत्ति को तत्काल प्रोत्साहन राशि, मासिक स्टाइपेंड, आवास, प्रशिक्षण, और अन्य सुविधाएं प्रदान की गईं।

राजनंदगांव रेंज के पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा व कबीरधाम एसपी धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में यह सफलता हासिल हुई। इसमें जिला विशेष शाखा के प्रधान आरक्षक और अन्य अधिकारियों का भी विशेष योगदान रहा। यह जिले में अब तक आत्मसमर्पण करने वाले आठवें इनामी नक्सलियों का मामला है।

’रमेश उर्फ मेस्सा’ ने नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते हुए कई हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था एवं पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल रहा वह संगठन में रहने के दौरान एस एल आर राइफल धारी रहा है। वहीं, ’रोशनी उर्फ हिड़में’ संगठन की प्रशिक्षित सदस्य थी, जो नक्सली हिंसा में सक्रिय भूमिका निभाती रही तथा संगठन में इन्सास राइफल धारी थी। इन दोनों पर थाना तरेगांव में दर्ज 2-2 नक्सल अपराध दर्ज हैं।

यह घटना छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस प्रशासन के नक्सलवाद के खिलाफ समर्पित प्रयासों को दर्शाती है, जो राज्य में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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