सेवा करने की कोई उम्र नहीं, 92 साल के रिटायर्ड बैंककर्मी ने 176 बच्चों को लिया गोद…

अनाथ बच्चों को ‘परिवार’ से मिलवा रहे.

रायपुर I 92 साल के सुधाकर कोंडापुरकर ने बता दिया है कि सेवा करने की कोई उम्र नहीं होती। वे पिछले 16 वर्षों से अनाथ बच्चोंं का लालन-पालन कर रहे है। आंखों से कम दिखने लगा है, फिर भी हर दिन आश्रम जाते हैं। आश्रम में अब सवा तीन सौ बच्चे आ चुके है, जिनमें से 176 बच्चों को गोद लिया जा चुका है। दरअसल नवजातों को कूड़े या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने की खबरें सुनकर वो विचलित हो जाते थे। इसलिए तय किया कि ऐसा आश्रम खोलेंगे जहां पर इन बेसहारा बच्चों को आसरा मिल सके।

जुलाई 2006 में उन्होंने यह मिशन शुरू किया था। समय के साथ बच्चों की संख्या बढ़ती गई और अब तक 68 बच्चों को उनके जैविक माता-पिता तक पहुंचाया जा चुका है। आश्रम में 20 बच्चों को रखने की व्यवस्था है और उनकी देखरेख करने वाली स्टाफ को मैया यशोदा का नाम दिया जाता है। बच्चों को खाना खिलाने वाली स्टाफ को अन्नपूर्णा माता के नाम दिया गया है। उनके जन्मदिन के दिन उनकी आरती उतारकर उनका सम्मान किया जाता है।

कोंडापुरकर बताते हैं,‘मैं 1990 में सेंट्रल बैंक से रिटायर हुआ। उसके बाद शहर में एक सहकारी बैंक एडवाइजर के रूप में सेवाएं दीं। अचानक एक दिन नवजात को फेंकने की खबर मिली। मन व्यथित था। उस समय लोगों से सलाह लेकर समता कॉलाेनी में किराए पर आश्रम का संचालन शुरु किया। इस दौरान एक दिन ऐसा आया कि संचालन के लिए 3 हजार रुपए ही बाकी थे। कोंडापुरकर ने बताया कि उस समय एक दानदाता आए और उन्होंने 51 हजार रुपए दान देने की बात कही। इसके बाद अनाथों की जिंदगी संवर गई।

कुछ दिन बाद पता चला कि आश्रम को दान देने वाला एक मजदूर था, उसे मॉल के कूपन में करीब एक लाख रुपए इनाम में मिले थे। उसने आधा पैसा आश्रम को भेंट कर दिया। यहां से चिंता खत्म हुई और देखते ही दानदाताओं का तांता सा लग गया। आज संस्था के पास खुद का भवन है, जिसकी कीमत 85 लाख है।’

 

Show More

akhbarilal

Akhbaarilal is daily hindi news portal of Chhattisgarh. Get breaking and latest news from Indian including all states. Find latest news from Raipur. Read CG DPR News on www.akhbaarilal.in.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button