भूमि अधिग्रहण घोटाला: RI के खिलाफ FIR, 3.42 करोड़ की हेराफेरी
बिलासपुर । अरपा भैंसाझार परियोजना के चकरभाठा वितरण नहर निर्माण में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में करोड़ों की अनियमितता सामने आई है। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर तत्कालीन हल्का पटवारी और वर्तमान राजस्व निरीक्षक (आरआई) मुकेश साहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जांच में पाया गया कि मुकेश साहू ने पटवारी के पद पर रहते हुए भूमि अधिग्रहण मामले में चार बार विरोधाभासी प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। उन्होंने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के खसरा नंबरों में फेरबदल कर सरकारी राजस्व को 3.42 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। इस घोटाले में जमीन मालिक को लाभ पहुंचाने और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला सामने आया है।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन पटवारी मुकेश साहू ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में हेरफेर करते हुए खसरा नंबर 1/4 (0.03 एकड़) को सिंचित और दो फसली घोषित कर 37.37 लाख रुपये तथा खसरा नंबर 1/6 (0.62 एकड़) के लिए अवैध रूप से 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मनोज अग्रवाल को जारी किया।
इसके अलावा, ग्राम सकरी के खसरा नंबर 1, 9, 10 में हुए बटांकन को बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के मर्ज कर भू-नक्शा पोर्टल में मूल नंबर के रूप में दर्ज कर दिया गया, जिससे सरकारी रिकॉर्ड में गड़बड़ी हुई।
कलेक्टर ने दिए FIR के निर्देश
घोटाले की जानकारी मिलते ही कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच टीम गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी गई। रिपोर्ट में मुकेश साहू द्वारा 3.42 करोड़ रुपये की वित्तीय हेराफेरी की पुष्टि हुई। इसके बाद कलेक्टर ने शासन को आरआई को बर्खास्त करने का प्रस्ताव भेजा और एसडीएम तखतपुर को FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए।
आरआई पर लगे ये गंभीर आरोप
सकरी थाने में आरआई मुकेश साहू के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (कूटरचना), 468 (धोखाधड़ी हेतु कूटरचना), 471 (जालसाजी दस्तावेज का इस्तेमाल), 409 (सरकारी धन का गबन) और 120बी (षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है। FIR दर्ज होने की भनक लगते ही मुकेश साहू फरार हो गया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है।