इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड चैलेंजेस इन एजुकेशन एंड साइकोलॉजिकल रिसर्च पर राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न
राजनांदगांव। साइकोलॉजिकल फोरम छत्तीसगढ़ एवं संस्कार सिटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन ठाकुरटोला, राजनांदगांव के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन 2 एवं 3 दिसंबर को किया गया। फोरम के अध्यक्ष डॉ. बसंत कुमार सोनबेर एवं महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. गुरप्रीत कौर छाबड़ा द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हेमचंद यादव विश्व विद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा द्वारा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वंश गोपाल सिंह, कुलपति, पं. सुंदरलाल शर्मा (मुक्त) विश्व विद्यालय, बिलासपुर एवं विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय के संरक्षक अतुल देशलहरा रहे।
प्रो. सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा एवं मनोविज्ञान दोनों ही विषयों में जमीनी स्तर की कठिनाइयों को शोध का आधार बनाना आवश्यक है। शोध कार्य ऐसा हो जो उस विषय में कोई नई खोज कर रहा हो अथवा समाज के लिए उसकी उपयोगिता अवश्य निकल कर आए। डॉ. पलटा ने कहा कि शोध कार्य को एबीसी मॉडल के माध्यम से किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय सेमिनार की थीम इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड चैलेंजेस इन एजुकेशन एंड साइकोलॉजिकल रिसर्च थी। जिसके लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मणिपुर तथा छत्तीसगढ़ से लगभग 95 प्रविष्ठियां आई, जिसमें से 30 पेपर ऑन-लाइन मोड पर तथा 20 पेपर ऑफ लाइन मोड पर पढ़े गए।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि एवं वक्ता के रूप में प्रो. उषा किरण अग्रवाल विभागाध्यक्ष, डिग्री गर्ल्स कॉलेज, रायपुर, प्रो. मीता झा, मनोविज्ञान विभाग, पं. रविशंकर विश्व विद्यालय रायपुर प्रो. अनुभूति दुबे, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञानए डीडीयू गोरखपुर विश्व विद्यालय, उत्तर प्रदेश, डॉ. जय सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान, इलाहाबाद विश्व विद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, डॉ. ललित कुमार मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान, इंदिरा गांधी नेशनल ट्राईबल यूनिवर्सिटी, अमरकंटक, मध्य प्रदेश, डॉ. देवाशीष महापात्रा, एसोसिएट प्रोफेसर शिक्षा विभाग, संबलपुर विश्व विद्यालय, उड़ीसा, डॉ. पुष्पेश पांडे, विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग, पं. हरिशंकर शुक्ल स्मृति महाविद्यालय, रायपुर, डा. हिना खान, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान, आरटीएम नागपुर विश्व विद्यालय, नागपुर, डॉ. जय कुमार रंजन, सहायक प्राध्यापक मनोविज्ञान विभाग, बनारस हिंदू विश्व विद्यालए, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डीएसडब्ल्यू दुर्ग विश्व विद्यालय आभासी एवं भौतिक रूप से उपस्थित रहे।
उक्त राष्ट्रीय सेमिनार में डॉ. बसंत कुमार सोनबर, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान, शा. कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजनांदगांव एवं डॉ. रोली तिवारी, सहायक प्राध्यापक, मनोविज्ञान अध्ययन शाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय, रायपुर द्वारा लिखित किताब अधिगमकर्ता एवं अधिगम प्रक्रिया का विमोचन मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन फोरम की ओर से कोषाध्यक्ष डॉ. रोली तिवारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ. एस रूपेंद्र राव, सचिव, पीफसीजी, डॉ. मनोज राव, पीफसीजी, रायपुर संभाग के प्रमुख डॉ. अनामिका मोदी, सह-सचिव, पीफसीजी, ममता रानी यदु लक्ष्मी सेंडे, सुरभि साहू, रेणुका साहू, शुभम तिवारी, डिलेश्वरी साहू, पूजा श्रीवास्तव सभी सहायक प्राध्यापक संस्कार सिटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की ओर से एवं अन्य अतिथि शामिल रहे। महाविद्यालय के लगभग 200 विद्यार्थियों ने दोनों दिन इस सेमिनार में वक्ताओं को भौतिक एवं आभासी रूप से सुना।