हाईकोर्ट ने फर्जी आर्य समाज विवाह संस्थानों पर की सख्ती, नोटिस जारी

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका के बाद प्रदेश में आर्य समाज के नाम पर अवैध रूप से विवाह कराने वाले संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ संस्थान बिना मान्यता के आर्य समाज के नाम पर विवाह संपन्न करा रहे हैं और इसके बदले लोगों से भारी रकम वसूल रहे हैं। इस मामले में हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी के अलावा 12 से अधिक संस्थानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

याचिका में क्या कहा गया?
याचिकाकर्ता छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा ने रजिस्ट्रार, फर्म एवं सोसायटी के अधिकारियों पर छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि इन संस्थानों द्वारा विवाह को व्यवसाय बना दिया गया है और वे आर्य समाज के मूल सिद्धांतों का पालन नहीं कर रहे हैं। प्रतिनिधि सभा ने ऐसे सभी संस्थानों के पंजीयन को रद्द करने की मांग की है।

संस्थानों पर लगे गंभीर आरोप
याचिका में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 24 से अधिक संस्थाएं आर्य समाज के नाम पर विवाह व अन्य अनुष्ठान करा रही हैं, जिनमें से 10 सिर्फ रायपुर में संचालित हो रही हैं। दुर्ग में पांच और बिलासपुर में तीन संस्थाएं शामिल हैं। इन संस्थानों को विवाह संपन्न कराने के लिए किसी भी प्रकार की मान्यता प्राप्त नहीं है, फिर भी वे आर्य समाज के नाम का उपयोग कर रहे हैं।

आर्य समाज की स्थापना और उद्देश्य
आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 10 अप्रैल 1857 को की थी। यह संगठन सामाजिक सुधार और जागरूकता के लिए कार्य करता है। संगठन का संचालन तीन स्तरों पर किया जाता है—केंद्रीय स्तर पर सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा, प्रांतीय स्तर पर प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा और जिला स्तर पर संबद्ध आर्य समाज। छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा राज्य में आर्य समाज मंदिरों की देखरेख और मान्यता देने वाली पंजीकृत संस्था है। याचिकाकर्ता ने कहा कि बिना संबद्धता के विवाह संपन्न कराना आर्य समाज के नियमों का उल्लंघन है।

इन संस्थानों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

ओम कृण्णवंतो विश्वमार्यम आर्य समिति, टिकरापारा, जिला रायपुर (छत्तीसगढ़), सनातन धर्म आर्य सेवक मंडल, बसना, जिला महासमुंद, संयोग आर्य समाज राजिम, हनुमान मंदिर के पास, पीतलबंद रोड, आमापारा, राजिम, जिला गरियाबंद,आर्य क्षत्रिय तेलंग समाज, जिला रायपुर, श्री साई राम आर्य समाज, जिला रायपुर, आर्य समाज कांकेर, जिला कांकेर, आर्य समाज कल्याण एवं शिक्षण समिति, श्री रायंद स्वामी नागरीदास मंदिर, पुरानी बस्ती सरस्वती चौक, जिला रायपुर, महर्षि दयानंद आर्य सेवा संस्थान, ग्राम एवं पोस्ट सोंठी, जिला जांजगीर-चांपा, आर्य समाज, छत्तीसगढ़ ओम मंदिर, कुकुरबेड़ा, आमानाका, जिला रायपुर, छत्तीसगढ़ आर्य क्षत्रिय तेलंग समाज, सुनकेश टेलर एंड क्लॉथ, श्याम टॉकीज रोड के सामने। श्री नवदुर्गा मंदिर, बूढ़ापारा, जिला रायपुर, आर्य सनातन समाज, खरखरा नाहर, आमापारा, मकान नंबर-143, वार्ड-13, जिला बालोद, आर्य समाज मंदिर, गली नं. 28, पुरानी बस्ती, वार्ड-12, सुपेला, भिलाई, जिला दुर्ग, ओम आर्य समाज, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, जिला रायपुर, श्री आर्य समाज, सिद्धार्थ चौक, टिकरापारा, जिला रायपुर,आर्य समाज संस्कार सेवा समिति, मगर पारा रोड, जिला बिलासपुर, आर्य समाज संस्कार सेवा केंद्र, तीसरी मंजिल, सुपर मार्केट, अग्रसेन चौक, जिला बिलासपुर, वैदिक आर्य समाज, रिंग रोड नं.-01, संजय नगर, जिला रायपुर, आर्य समाज, वंडरलैंड वाटर पार्क, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, जिला रायपुर, आर्य समाज, वसुन्धरा नगर, बहतराई रोड, सीओ रूप लाल चावला, कान अरपा ब्रिज राम सेतु, सरकंडा, जिला बिलासपुर, आर्य समाज रिसाली, रिसाली गांव, जय स्तंभ चौक, भिलाई, जिला दुर्ग, आर्य समाज, ओवरब्रिज के नीचे, बी.आई.टी. रोड, रायपुर नाका, भिलाई, जिला दुर्ग, आर्य समाज, प्रेम नगर, सिकोला भाटा, जिला दुर्ग,आर्य समाज, 45- ए/1, नेहरू नगर (पश्चिम), भिलाई, जिला दुर्ग, आर्य सनातन समाज मंदिर, भिलाई जिला दुर्ग।

आगे की कार्रवाई
हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी से जवाब मांगते हुए यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि किन आधारों पर इन संस्थाओं का पंजीकरण किया गया और क्या वे आर्य समाज के नियमों का पालन कर रही हैं। इस मामले की अगली सुनवाई में संबंधित संस्थानों को अपना पक्ष रखना होगा।

यह मामला छत्तीसगढ़ में विवाह प्रक्रिया से जुड़े कानूनी पहलुओं और धार्मिक संगठनों के नाम के दुरुपयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है।

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