बजट सत्र: जल जीवन मिशन पर बीजेपी विधायकों ने सरकार को घेरा

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायकों के तीखे सवालों ने सरकार को घेर लिया। वरिष्ठ भाजपा विधायकों अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और मोतीलाल देवांगन ने जल जीवन मिशन और अमृत मिशन को लेकर उपमुख्यमंत्री एवं PHE मंत्री अरुण साव से जवाब मांगे, जिससे सदन में तीखी बहस देखने को मिली।
जल जीवन मिशन पर उठा सवाल
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रदेश में 19,656 ग्रामों में 50.03 लाख घरों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसमें से 44.37 लाख घरों में कनेक्शन दिया जा चुका है। 2024 तक इस योजना का 80.3 प्रतिशत कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि स्रोत-विहीन 3,907 ग्रामों के 80.8 लाख घरों में भी नल कनेक्शन लगाए गए हैं।
बिना जल स्रोत पाइपलाइन बिछाने पर उठा सवाल
विधायक अजय चंद्राकर ने बिना जल स्रोत के पाइपलाइन बिछाने पर सवाल उठाते हुए पूछा कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। जवाब में उपमुख्यमंत्री साव ने बताया कि 653 ऐसे गांव हैं, जहां पाइपलाइन और टंकी का निर्माण किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक 70% कार्य पूरा नहीं होगा, तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा और यदि योजना अधूरी रही तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमृत मिशन पर गरमाई बहस
विधायक राजेश मूणत ने रायपुर में अमृत मिशन योजना को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 411 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद शहर के किसी भी वार्ड में 24*7 जल आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो सकी। उन्होंने पूछा कि इस विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी। इस पर उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि ओवरलेपिंग की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, और यदि किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
स्पीकर ने मंत्रियों को दी नसीहत
स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने सदन में चर्चा के दौरान मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि सदन में जो जानकारी देने का आश्वासन दिया जाता है, वह निर्धारित समय में सदस्यों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्रोतविहीन गांवों में टंकी निर्माण और जल आपूर्ति की सही जानकारी सदन में पेश की जाए, ताकि इस विषय पर बार-बार चर्चा न हो।
सदन में भाजपा विधायकों की आक्रामकता और सरकार की सफाई के बीच जल जीवन मिशन और अमृत मिशन की जमीनी हकीकत पर सवाल उठते रहे। अब देखना होगा कि सरकार इन योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाती है।