छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान: पीसीसी चीफ बैज के घर की रेकी का आरोप
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रायपुर । छत्तीसगढ़ में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि बीते 24 घंटों से उनके घर की रेकी की जा रही थी। बुधवार को रायपुर में दंतेवाड़ा पुलिस के एक इंस्पेक्टर और तीन पुलिसकर्मियों को संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखा गया, जिससे राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस घटना को सरकार द्वारा विपक्ष पर दबाव बनाने की साजिश करार दिया है।
कांग्रेस का बड़ा आरोप
कांग्रेस नेता दीपक बैज ने दावा किया कि उनके निवास के आसपास संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। जब कार्यकर्ता सतर्क हुए तो पाया गया कि वहां दंतेवाड़ा इंस्पेक्टर नरेश सलाम और तीन अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे दंतेवाड़ा एएसपी आर.के. बर्मन के निर्देश पर रायपुर आए थे और कांग्रेस नेता अवधेश गौतम की तलाश कर रहे थे। हालांकि, कांग्रेस इस घटना को राजनीतिक साजिश बता रही है।
“सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही” – दीपक बैज
मीडिया से बातचीत में दीपक बैज ने कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके घर की रेकी क्यों हो रही थी? क्या सरकार विपक्षी नेताओं की जासूसी करवा रही है? उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की बात भी कही। बैज ने दावा किया कि रायपुर में उनसे मिलने आ रहे जिला पंचायत सदस्यों को धमतरी में रोक दिया गया, जिसे उन्होंने लोकतंत्र पर हमला बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का तीखा हमला
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्विटर पर लिखा, “छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार को ऐसा कौन सा डर सता रहा है कि वह विपक्ष के नेताओं की जासूसी करवा रही है? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के घर की रेकी करते हुए एक पुलिस अधिकारी को पकड़ा गया है। यह लोकतंत्र के प्रति भाजपा के अविश्वास का एक और उदाहरण है।”
भाजपा का जवाब: “झूठे आरोप लगा रहे हैं बैज”
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि दीपक बैज सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बैज, भूपेश बघेल के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं और मीडिया में खुद को अधिक से अधिक दिखाना चाहते हैं।
राजनीतिक माहौल गरमाया
यह घटना छत्तीसगढ़ में पहले से ही गर्म राजनीतिक माहौल को और अधिक तनावपूर्ण बना रही है। जहां कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर खतरा बता रही है, वहीं भाजपा इस मुद्दे को कांग्रेस की साजिश करार दे रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला और कितना तूल पकड़ता है।