जयपुर पैर लगाकर खड़ा हुआ ढाई साल का दिसान

महावीर जन्मकल्याणक पर दिव्यांग बालक को मिला नया जीवन

रायपुर । भगवान महावीर जन्मकल्याणक के पावन अवसर पर विनय मित्र मण्डल द्वारा दिव्यांग बालक दिसान महानन्द को जयपुर पैर लगाकर खड़ा किया गया। यह संस्था का 30,000वां जयपुर पैर था, जो उनके सेवा कार्य के 40वें वर्ष में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बना।

ढाई साल का दिसान, जो महज एक माह की उम्र में पैर गंवा चुका था, अब पहली बार अपने पैरों पर खड़ा हो पाया है। उसके माता-पिता किशन और पिंकी महानन्द पचपेड़ी नाका स्थित जयपुर पैर वर्कशॉप पहुंचे थे, जहां कारीगर अब्दुल वहिद कुरैशी द्वारा तैयार विशेष कृत्रिम पैर दिसान को फिट किया गया।

दिसान की मां ने भावुक होते हुए कहा, “हमें अब जयपुर पैर पर ही भरोसा है, और उम्मीद है कि हमारा बेटा एक दिन दौड़ भी सकेगा।”

विनय मित्र मण्डल के अध्यक्ष महावीर मालू और संस्थापक महेन्द्र कोचर ने बताया कि संस्था 1986 से अब तक 50,000 से अधिक दिव्यांगों को कृत्रिम अंग, ट्राइसिकल, व्हीलचेयर, कैलिपर्स, श्रवण यंत्र और अन्य उपकरण निःशुल्क उपलब्ध करा चुकी है।

पूर्व अध्यक्ष दीपचंद कोटड़िया ने बताया कि संस्था न केवल पैर बनाकर देती है, बल्कि दिव्यांगों और उनके परिजनों के लिए निःशुल्क आवास और भोजन की सुविधा भी उपलब्ध कराती है।

महावीर जन्मकल्याणक जैसे अवसर पर यह सेवा न केवल दिसान जैसे मासूम के लिए उम्मीद बनकर आई, बल्कि मानवता की मिसाल भी बनी।

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