स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी, शिक्षक संगठनों ने किया विरोध…

रायपुर । राज्य सरकार ने आखिरकार स्कूलों का युक्तियुक्तकरण को अंतिम रूप देते हुए कम बच्चों वाले स्कूलों को पास के स्कूलों में मर्ज कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग का दावा है कि इससे स्कूलों की क्वालिटी सुधरेगी और जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं होंगे, वहां शिक्षकों की उपलब्धता हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में 212 प्राथमिक स्कूल अभी भी शिक्षक विहीन हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। 362 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षक तो हैं, लेकिन एक भी छात्र नहीं है।
मंत्रालय का घेराव
दूसरी तरफ इस फैसले के विरोध में शिक्षक संघ कल यानि बुधवार को मंत्रालय का घेराव करेंगे। इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस भी तेज हो गई है, जिसमें कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस नीति का बचाव करते हुए कहा, “युक्तियुक्तकरण छात्रों के हित में है। कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है तो कहीं अधिक हैं। इस असमानता को दूर करने के लिए यह कदम जरूरी है।”
पूर्व पीसीसी प्रमुख धनेंद्र साहू ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “सरकार को ऐसे बड़े फैसले लेने से पहले शिक्षकों से चर्चा करनी चाहिए थी। इससे पढ़ाई और शिक्षक दोनों प्रभावित हो रहे हैं।”
कांग्रेस ने सरकार पर जमकर हमला बोला। पार्टी ने कहा, “सरकार के पास युक्तियुक्तकरण का कोई स्पष्ट प्लान नहीं है। जनप्रतिनिधियों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया, जबकि उन्हें स्थानीय जरूरतों की बेहतर जानकारी होती है।”
कांग्रेस ने आरोप लगाया, “18 महीने बाद भी शिक्षा विभाग में कोई सुधार नहीं हुआ। यह सरकार छत्तीसगढ़ की शिक्षा, आदिवासी संस्कृति और संसाधनों को बर्बाद कर रही है।”
इस बीच, शिक्षक संगठनों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और इससे शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी।