केल्हारी धान खरीदी केन्द्र में 12 बोरा अमानक धान जब्त, तीन अधिकारियों को भेजा गया कारण बताओ नोटिस…
कलेक्टर पी.एस. ध्रुव ने जिले में धान खरीदी का जायजा. गड़बड़ी हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
रायपुर I मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर पी.एस. ध्रुव ने जिले में धान खरीदी का जायजा लेने के लिए आज धान उपार्जन केल्हारी, घुटरा, डोडकी, कोटाडोल एवं रांपा केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। केल्हारी धान खरीदी केन्द्र में अनियमितता के चलते उन्होंने केन्द्र के सहायक नोडल अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास सहित समिति प्रबंधक सुरजन सिंह एवं धान खरीदी प्रभारी श्री प्रकाश सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस दौरान वहां धान बेचने डॉडहंसवाही के एक कृषक द्वारा लाए गए 12 बोरा अमानक धान को भी जब्त किए जाने की कार्यवाही की।
गौरतलब है कि मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में धान खरीदी की व्यवस्था पर सतत निगरानी रखी जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी लगातार धान खरीदी केन्द्रों का दौरा कर वहां की व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे हैं। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चिरमिरी द्वारा धान खरीदी केन्द्र कोड़ीमार तथा नायब तहसीलदार नागपुर के द्वारा आज बरबसपुर धान खरीदी केन्द्र का मुआयना किया गया। कलेक्टर ध्रुव 26 दिसम्बर की रात को भी खाद्य अधिकारी संजय ठाकुर के साथ धान खरीदी केन्द्र चैनपुर एवं नागपुर का औचक निरीक्षण कर वहां की रात्रिकालीन व्यवस्था एवं उपार्जित धान की सुरक्षा के प्रबंध का मुआयना किया था।
कलेक्टर पी.एस. ध्रुव ने धान उपार्जन केन्द्र केल्हारी के निरीक्षण के दौरान वहां के कार्यालय एवं केन्द्र परिसर में व्याप्त गंदगी, उपार्जित धान का सुव्यवस्थित स्टेगिंग न किए जाने के मामले को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने समिति प्रबंधक प्रकाश सिंह को मानक स्तर का ही धान खरीदने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने इसके पश्चात धान उपार्जन केन्द्र घुटरा, डोडकी, कोटाडोल एवं रांपा पहुंचकर वहां धान खरीदी की व्यवस्था का मुआयना किया और किसानों से भुगतान संबंधी जानकारी भी ली।
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान बेचने के लिए 16022 किसानों ने पंजीयन कराया है। 27 दिसम्बर की स्थिति में 8705 किसानों से 4 लाख 5 हजार 320 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। जिसके एवज में किसानों को नियमित रूप से उनके खाते में राशि का भुगतान भी किया जा रहा है।