राज्य सरकार ने घोषित की ट्रांसफर पॉलिसी 2025: जानें इसके प्रमुख बिंदु…

रायपुर (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 जून को कैबिनेट की बैठक में ट्रांसफर नीति से बैन हटाने की घोषणा की थी। आज, 5 जून को ट्रांसफर पॉलिसी 2025 घोषित की गई है। यह स्थानांतरण नीति गृह विभाग, आबकारी विभाग, खनिज साधन विभाग, परिवहन विभाग, वाणिज्यकर विभाग, पंजीयन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकीय कार्य में पदस्थ शिक्षकों तथा राज्य के निगम, मण्डल, आयोगों एवं स्वायत्त संस्थाओं पर लागू नहीं होगी।

मुख्य बिंदु:
1. जिला स्तर पर स्थानांतरण

1.1 दिनांक 14 जून, 2025 से 25 जून 2025 तक जिला स्तर पर तृतीय श्रेणी (गैर-कार्यपालिक) तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला कलेक्टर द्वारा किये जा सकेंगे। स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु आवेदन दिनांक 06 जून, 2025 से 13 जून 2025 तक संबंधित विभाग के जिला कार्यालय में प्राप्त किये जावेंगे।

कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण किये जाने वाले पद जिला संवर्ग का है तो उनका स्थानांतरण जिले के अंदर ही हो तथा स्थानांतरण आदेश तद्नुसार प्रसारित होंगे।

1.2 विभाग के जिला कार्यालय प्रमुख द्वारा स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार कर जिला कलेक्टर को प्रस्तुत किया जावेगा। कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत उस पर जिले के प्रभारी मंत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाकर स्थानांतरण आदेश जारी किया जाएगा।

1.3 तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 10% एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम 15 % तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किये गए स्थानांतरणों की गणना उक्त सीमा हेतु नहीं की जाएगी। परस्पर सहमति से स्थानांतरण हेतु दोनो आवेदकों द्वारा आवेदन पत्र संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित होना आवश्यक है। स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण हेतु व्यक्तिगत रूप से किये गए आवेदन पर किया गया कोई भी स्थानांतरण परस्पर सहमति से किये गए स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आएगा।

1.4 ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर दो या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ हो परस्पर सहमति हेतु उन्हीं के आवेदन स्थानांतरण हेतु प्रस्तावित किये जाएंगे। परस्पर सहमति के आधार पर स्थानातरण भी दो वर्ष या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ शासकीय सेवकों के लिए लागू होगा।

1.5 जितने जिला स्तरीय कर्मचारी संलग्न है वह स्वमेव 5 जून 2025 से उनका संलग्नीकरण समाप्त माने जाएंगे, आवश्यकतानुसार जहां किसी कर्मचारी की आवश्यकता है, स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण किया जा सकता है।

1.6 जिन शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति में एक से कम वर्ष शेष हो उन्हे उनके विकल्प पर सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप स्थानांतरण किया जा सकेगा, अन्यथा उनका स्थानांतरण ना किया जाये।

1.7 ऐसे शासकीय सेवक जिनके बारे में गंभीर स्वरूप की शिकायतें हो, को यदि शिकायतों के आधार पर दो वर्ष से कम अवधि में स्थानांतरण किया जाना आवश्यक हो तो सामान्यतः प्रारंभिक जांच में शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर ही स्थानांतरण किये जायेंगे।

1.8 यदि अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ शासकीय सेवक का गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है तो स्थानांतरण प्रस्ताव में उनके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि यथा संभव अनुसूचित क्षेत्र के रिक्त पद भरे जाए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों को संतुलित (बैलेस) करने का विशेष ध्यान रखा जाए। आशय यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में जितने प्रतिशत पद रिक्त है, शहरी क्षेत्रों में लगभग उसी के अनुरूप पद रिक्त रह सकें। ऐसी स्थिति निर्मित न हो कि शहरी क्षेत्रों में लगभग सभी पद भरें हो तथा ग्रामीण क्षेत्रों में काफी रिक्तियां बनी रहे।

1.9 जिन संवर्गों एवं स्थानों पर कर्मचारियों का आधिक्य हो, ऐसे स्थानों से कर्मचारियों का स्थानांतरण न्यूनता (Deficit) वाले स्थान हेतु हो। न्यूनता (Deficit) वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानांतरण नहीं किया जाए, ताकि संतुलन बना रहे एवं कमी वाले क्षेत्रों में पदों की पूर्ति हो सके। इसके लिए जिला कार्यालय प्रमुख की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी तथा कलेक्टर भी इसका पालन करना सुनिश्चित करेंगे। जिलों की जनसंख्या, जिलों में विकासखण्डों की संख्या, विभाग के जिलों में कार्यलोड के अनुरूप सभी जिलों में अधिकारी/कर्मचारियों का संतुलन सुनिश्चित किया जाएगा।

1.10 कैंसर जैसी टर्मिनल तथा अत्यंत गंभीर बीमारी, किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस करवाने या ओपन हार्ट सर्जरी के कारण नियमित जांच कराना आवश्यक हो और वर्तमान पदस्थापना के स्थान पर ऐसी सुविधा उपलब्ध न हो तो जिला मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा।

1.11 ऐसे शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को जिनके पति/पत्नी एवं पुत्र/पुत्री मानसिक निःशक्तता, स्वलीन (Autism) अथवा बहुआयामी निःशक्तता से पीड़ित है को स्वयं के व्यय पर ऐसी जगह पर पदस्थापना करने के संबंध में विचार किया जा सकेगा, जहां निःशक्तता से पीड़ित का उपचार एवं पुत्र/पुत्री को शिक्षा सुलभ हो सके, बशर्ते कि ऐसी निःशक्तता के उपचार/शिक्षा के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से इस बारे में समुचित प्रमाण प्रस्तुत करें।

1.12 स्थानांतरित किये गए शासकीय सेवक को स्थानांतरण आदेश जारी होने के 10 दिवस के भीतर कार्यमुक्त किया जाए। यदि संबंधित शासकीय सेवक निर्धारित समयावधि में कार्यमुक्त नही होता हैं तो उसे सक्षम अधिकारी द्वारा एकपक्षीय भारमुक्त करने के आदेश दिये जाए तथा स्थानांतरण आदेश क्रियान्वित हुआ माना जाए। यदि शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे।

1.13 नीति की कंडिका 1.1 में निर्धारित अवधि में यदि स्थानांतरण आदेश को निरस्त / संशोधित किया जाना हो तो ऐसे निरस्तीकरण / संशोधन का प्रस्ताव जिला कलेक्टर द्वारा प्रशासकीय विभाग को भेजा जाए। प्रशासकीय विभाग द्वारा समन्वय मे मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण आदेश को संशोधित / निरस्त किया जाएगा।

1.14 निर्धारित अवधि में किये गए स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात उक्त स्थानांतरण आदेश में कोई भी संशोधन या निरस्तीकरण किया जाना हो तो उक्त संशोधन या निरस्तीकरण समन्वय में मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत किया जा सकेगा।

1.15 इस नीति के तहत अध्यापन करने वाले सभी श्रेणी के शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया चल रही है।

2. जिला स्तरीय स्थानांतरण पर प्रतिबंधः-

2.1 दिनांक 26 जून, 2025 से कंडिका 1.1 में प्रावधानित स्थानांतरणों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो जाएगा।

2.2 सामान्यतः स्थानांतरण द्वारा रिक्त होने वाले पद की पूर्ति उसी पद के समकक्ष अधिकारी की पदस्थापना से की जाए। नियमित अधिकारी/कर्मचारी का स्थानांतरण कर उस पद का प्रभार कनिष्ठ अधिकारी को न दिया जाए।

3. राज्य स्तर पर स्थानांतरण :-

3.1 दिनांक 14 जून, 2025 से 25 जून 2025 तक राज्य स्तर पर विभाग द्वारा स्थानांतरण किये जा सकेंगे। स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु आवेदन दिनांक 06 जून, 2025 से 13 जून 2025 तक संबंधित विभाग में प्राप्त किये जावेंगे।

3.2 स्थानांतरण, विभाग के विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किये जा सकेंगे।

3.3 विभागीय मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने हेतु स्थानांतरण प्रस्ताव सीधे विभागाध्यक्ष से मंत्री को प्रस्तुत नहीं किये जाएंगे। प्रस्ताव / नस्ती आवश्यक रूप से छत्तीसढ कार्यपालक शासन के कार्य नियम तथा उन नियमों के अधीन जारी किये गए निर्देश तथा अनुदेश अर्थात् प्रशासकीय विभाग की सचिवालयीन प्रक्रिया अनुसार भारसाधक सचिव के माध्यम से ही विभागीय मंत्री को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे और अनुमोदन उपरांत आदेश तद्‌नुसार विभाग द्वारा प्रसारित किये जाएंगे।

3.4 विभागों का यह दायित्व होगा कि यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर-अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन (Imbalance) है उसे संतुलित (Balance) करने का विशेष ध्यान रखा जाए।

3.5 जिला सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण प्रस्तावित करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त जिलों में यथासंभव दो तिहाई पद भरें हों।

3.6 जिन पदों एवं स्थानों पर अधिकारी/कर्मचारी का आधिक्य है, ऐसे स्थानों से स्थानांतरण न्यूनता (Deficit) वाले स्थान हेतु हो। किसी भी परिस्थिति में न्यूनता (Deficit) वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानातंरण नहीं किया जाएगा ताकि संतुलन बना रहे एवं कमी वाले क्षेत्रों में पदों की पूर्ति हो सके। जिलों की जनसंख्या, विकासखण्डों की संख्या, विभाग के जिलों में कार्यलोड के अनुरूप सभी जिलों में अधिकारी / कर्मचारियों का संतुलन सुनिश्चित किया जाए।

3.7 अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित किसी भी अधिकारी / कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक कार्यमुक्त न किया जाए जब तक कि उसका एवजीदार कार्य पर उपस्थित न हो।

3.8 ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर दो वर्ष या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ हो परस्पर सहमति से उन्ही के स्थानांतरण किये जायेंगे।

3.9 दिनांक 1 जून 2025 की स्थिति में एक साल से कम अवधि में पदस्थ अधिकारी

3.10 एक ही स्थान पर दो वर्ष से कम अवधि से पदस्थ शासकीय सेवकों का स्थानांतरण नहीं किया जाए। यदि शिकायतो के आधार पर दो वर्ष से कम अवधि में स्थानांतरण किया जाना आवश्यक हो तो सामान्यतः प्रारंभिक जांच में शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर ही स्थानातरण किया जाए।

3.11 स्वेच्छा से स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि ऐसे स्थानांतरण प्रशासकीय दृष्टि से भी उचित हो।

3.12 जिन शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति के लिए एक वर्ष का समय शेष रह गया हो। उन्हें गृह जिले में अथवा उनके विकल्प के जिले में पदस्थ किया जा सकेगा, यदि सामान्य पुस्तक परिपत्र के अनुसार यह अनुज्ञेय हो।

3.13 यदि किसी शासकीय सेवक की पत्नी/पति एक ही स्थान पर पदस्थापना के लिए अनुरोध करें तो यथासंभव प्रशासकीय सुविधा एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हे एक ही स्थान पर पदस्थापना देने का प्रयास किया जाए। किसी शासकीय सेवक को ऐसी पदस्थापना पाने का अधिकार प्राप्त नहीं होगा, परन्तु उसकी प्रार्थना को विभाग द्वारा पूर्ण सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाएगा।

3.14 जिला कैडर के कर्मचारियों का स्थानांतरण जिले के भीतर एवं संभाग कैडर के कर्मचारियों का स्थानांतरण संभाग के अंतर्गत ही संभव होगा।

3.15 राज्य स्तर पर स्थानांतरण प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15 % तथा तृतीय श्रेणी एव चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम 5 % तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किये गए स्थानांतरणों की गणना उक्त सीमा हेतु नहीं की जाएगी।

3.16 विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण आदेश पूर्व परीक्षण आधारित हो और उनका क्रियान्वयन 14 जून, 2025 तक सुनिश्चित किया जाएगा। 5 जुलाई, 2025 को विभागाध्यक्ष स्थानांतरण आदेश के अनुरूप एकतरफा भारमुक्त करेंगे। स्थानांतरण पश्चात नवीन पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

3.17 सभी संलग्नीकरण 5 जून, 2025 से समाप्त माने जाएंगे। भविष्य में विभागाध्यक्ष /भारसाधक सचिव के अनुमोदन से ही कोई संलग्नीकरण कर सकेगा।

3.18 किसी भी स्थानांतरण में स्वीकृत पदों से अधिक पदों पर पदस्थापना नहीं की जाएगी।

3.19 निर्धारित अवधि में किये गए स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात उक्त स्थानांतरण आदेश में कोई भी संशोधन या निरस्तीकरण किया जाना हो तो उक्त संशोधन या निरस्तीकरण समन्वय में मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत किया जा सकेगा।

3.20 इस नीति के तहत अध्यापन करने वाले सभी श्रेणी के शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया चल रही है।

4. स्थानांतरण पर प्रतिबंधः-

4.1 दिनांक 25 जून. 2025 के पश्चात स्थानांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, किन्तु अत्यंत आवश्यक परिरिस्थति में प्रतिबंध अवधि में समन्वय में अनुमोदन उपरांत ही स्थानांतरण किया जा सकेगा।

4.2 समन्वय में आदेश प्राप्त करने हेतु जो प्रस्ताव प्रस्तुत किया जावे, उसमें संबंधित विभाग तथा प्रस्तावित होने वाले शासकीय सेवकों के संबंध में संलग्न प्रपत्र में जानकारी दी जावे तथा प्रस्ताव में इस बात का आवश्यक रूप से उल्लेख किया जाए कि प्रदेश में प्रश्नाधीन श्रेणी के कुल कितने शासकीय सेवक पदस्थ हैं तथा प्रस्तावित स्थानांतरण को सम्मिलित करते हुए कुल कितने स्थानांतरण अब तक हो चुके हैं तथा उसका प्रतिशत कितना है।

4.3 जिला स्तर पर स्थानांतरण करते समय विभागीय मंत्री के अनुमोदन से राज्य स्तर से किये गए स्थानातरण में तथा जिला स्तर से किये जाने वाले स्थानांतरण में कोई विरोधाभास न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। यदि विरोधाभास कि स्थिति बनती है तो विभागीय आदेश को प्राथमिकता दी जाए।

5 विशेष उपबंध छूटः-

निम्न प्रकार की पदस्थापनाओं में अप्रत्यक्ष रूप से स्थानांतरण निहित अवश्य होता है किन्तु इनके लिए प्रकरण समन्वय में भेजने की आवश्यकता नही है, ऐसी पदस्थापनाएं संबंधी आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन से जारी किये जा सकेंगेः-

5.1 प्रतिनियुक्ति से वापस आने पर विभाग के अधीन की जाने वाली पदस्थापना।

5.2 किसी विभाग के शासकीय सेवक (प्रथम श्रेणी अधिकारियों के मामले को छोड़कर) की सेवाओं को अन्य विभाग / संस्था में प्रतिनियुक्ति या डिप्लॉमेंट (एक्स कैडर पदस्थापना) पर सौपा जाना, यदि दोनो विभाग इसके लिए सहमत हो।

5.3 लोक सेवा आयोग से अथवा चयन समिति द्वारा चयनित नई नियुक्ति से संबंधित उम्मीदवारों की रिक्त पदों पद पदस्थापना।

5.4 न्यायालय के निर्देश/ निर्णय के पालन में स्थानांतरण कर पदस्थापना करना।

5.5 पदोन्नति के फलस्वरूप पदस्थापना।

5.6 एक ही स्थान (शहर) में एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में पदस्थापना।

6. निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाएः-

6.1 परीविक्षाधीन अधिकारी / कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जावेगा।

6.2 राज्य स्तर के समस्त स्थानांतरण आदेश निर्धारित समयावधि में e-Office के माध्यम से ही निर्धारित समयावधि में जारी किये जाएंगे।

6.3 जिला स्तर पर निर्धारित समयावधि में स्थानांतरण आदेश जारी कर जारी तिथि को ही उक्त स्थानांतरण आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग के ई-मेल आई.डी. [email protected] में प्रेषित किया जाना सुनिश्चित किया जावे। निर्धारित समयावधि उपरांत जारी स्थानांतरण आदेश मान्य नहीं होंगे। ऐसे स्थानांतरण आदेश समन्वय में विधिवत् मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत ही मान्य होगा।

7. नीति के पालन का दायित्वः-स्थानांतरण सबंधी उपरोक्त नीति/निर्देश का पालन सुनिश्चित हो, उसकी जिम्मेदारी शासन स्तर से जारी स्थानांतरण आदेश के लिए विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव की तथा जिला स्तर से जारी स्थानांतरण आदेश हेतु संबंधित कलेक्टर की होगी। वे विशेष रूप से सुनिश्चित करें किः-

7.1 स्थानांतरण नीति 2025 का पालन हो रहा है।

7.2 किसी भी स्तर के स्थानांतरण आदेश अनुमोदन की प्रत्याशा में जारी नहीं किये जाएंगे।

7.3 शासकीय सेवकों के पदस्थापना / स्थानांतरण के फलस्वरूप नवीन पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के संबंध में जारी परिपत्र क्रमांक एफ 1-1/2024/एक/6 दिनाक 25.11.2024 में दिये गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।

7.4 जिला स्तर / शासन स्तर पर जारी स्थानांतरण आदेश तथा क्रियान्वयन की स्थिति को क्रमशः दिनांक 14 जून 2025 से 25 जून 2025 तक संबंधित जिला / विभाग की वेबसाईट पर अपलोड किये जाएंगे।

8. स्थानांतरण के विरूद्ध अभ्यावेदन
स्थानांतरण से व्यथित शासकीय सेवक द्वारा अपने स्थानांतरण के विरूद्ध अभ्यावेदन केवल स्थानातरण नीति के उल्लंघन होने पर ही उक्त उल्लंघन होने वाले कंडिका के संबंध में स्पष्ट आधारों के साथ स्थानातरण आदेश जारी होने की तिथि से 15 दिवस के भीतर प्रश्नाधीन स्थानांतरण आदेश की प्रति सहित शासन द्वारा गठित वरिष्ठ सचिवों की समिति के संयोजक एवं सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्तुत किया जा सकेगा। समिति द्वारा ऐसे प्रकरणों का इस स्थानांतरण नीति के प्रकाश में परीक्षण करने के पश्चात अपनी अनुशंसा संबधित विभाग को प्रेषित की जाएगी।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button