सिस्टम से लड़ रहे 75 वर्षीय रिटायर्ड फौजी, रेलवे की लापरवाही से परेशान

डोंगरगढ़ । देश की सेवा में 22 साल तक भारतीय सेना में डटे रहे 75 वर्षीय रिटायर्ड फौजी केवल राम पसीने इन दिनों अपने ही देश के सिस्टम से जंग लड़ रहे हैं। राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ जनपद के ग्राम पंचायत बोरतलाव निवासी केवल राम का कहना है कि रेलवे प्रशासन की मनमानी से उनका जीवन मुश्किल हो गया है।

केवल राम ने सेना से रिटायर होने के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्र और महाराष्ट्र सीमा से सटे गांव बोरतलाव में अपना घर बसाया। लेकिन हाल ही में रेलवे द्वारा अंडरब्रिज निर्माण के दौरान उनके घर की बाउंड्री वॉल को “रेलवे की ज़मीन” बताकर तोड़ दिया गया। यही नहीं, उसी जगह एक गहरा गड्ढा खोदकर अधूरा छोड़ दिया गया, जो अब तक खुला पड़ा है।

“मुआवजा नहीं चाहिए, पर जान तो बख्श दो”
केवल राम का कहना है कि उन्होंने रेलवे के ठेकेदार और अधिकारियों से कई बार अपील की है कि कम से कम इस गड्ढे को भर दिया जाए। “बाउंड्री टूट गई, कोई बात नहीं। मुआवजा नहीं चाहिए, पर ये गड्ढा तो बंद कर दो। यहां गांव के बच्चे खेलते हैं, मवेशी चलते हैं। मानसून आने वाला है, पानी भर गया तो घर की नींव भी बैठ सकती है,” उन्होंने कहा।

स्थानीय लोग भी चिंतित
गांव के लोग भी इस हालात से चिंतित हैं और पूछ रहे हैं – क्या रेलवे किसी हादसे का इंतजार कर रहा है? सभी को डर है कि ये लापरवाही किसी की जान पर भारी न पड़ जाए।

प्रशासन अब भी खामोश
अब तक रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। केवल राम पसीने की यह जंग सिर्फ एक गड्ढे को भरने की नहीं, बल्कि सिस्टम की संवेदनहीनता के खिलाफ एक प्रतीक बन गई है।

अब सवाल यह है – क्या सिस्टम एक फौजी की विनती सुनेगा या फिर कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार करेगा?

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