बिहार से आई बड़ी खबर, शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब पीने से 8 की मौत उतने ही गंभीर छत्तीसगढ़ में जल्दबाजी क्यों नहीं? सीएम ने दोहराई…

मोतिहारी, 15 अप्रैल। Bihar ki Big News : बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद न तो शराब की तस्करी रुक रही है और ना ही मौत का सिलसिला थम रहा है। अब एक बार फिर मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत और उतने ही गंभीर होने की खबर आ रही है। मरने वालों में पिता-पुत्र भी शामिल हैं। हालांकि अभी तक बिहार प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में शराब एक बार फिर जानलेवा साबित हुई है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में संदिग्ध परिस्थिति में शुक्रवार की रात तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों को लेकर तरह-तरह की चर्चा चल रही है। कुछ लोग जहरीली शराब पीने से इनकी मौत होने की बात बता रहे हैं। हालांकि मृतक के परिजन इस बात से इनकार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक जिन पिता-पुत्र की मौत हुई है, वो लोग शराब के धंधे से जुड़े हुए थे। वहीं प्रशासन के डर से आनन-फानन में दोनों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।

मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से मौत
पिछले 24 घंटे में मोतिहारी में 8 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। स्थानीय लोगों की मानें तो अभी मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि गंभीर हालत में 7 लोगों का विभिन्न जगहों पर इलाज चल रहा है। लोगों की मौत का सिलसिला हरसिद्धि थाना क्षेत्र से गुरुवार की रात से शुरू हुआ, जो शुक्रवार की देर रात चला और मृतकों की संख्या आठ तक पहुंच गई। सबसे पहले जिला के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के मठ लोहियार में पिता-पुत्र की चार घंटे के अंतराल पर मौत हो गई।

प्रशासन ने मौत की वजह डायरिया बताया
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले पिता नवल दास की मौत हुई, फिर उसके पुत्र परमेंद्र दास की मौत हो गई। दोनों के शवों को परिजनों ने जला दिया, जबकि नवल की बहू की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद मठ लोहियार गांव में उत्पाद विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के वरीय अधिकारी पहुंचे। जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने मौत का कारण डायरिया बताया और बीमार पड़े लोगों को डायरिया से ग्रसित बताया।

मरने वालों की संख्या में हो सकती बढ़ोतरी
वहीं मृतक नवल दास के पड़ोसी हरीलाल सिंह की स्थिति नाजुक होने पर निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उधर तुरकौलिया थाना क्षेत्र के बैरिया बाजार पर एक निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान रामेश्वर राम की मौत हो गई। रामेश्वर राम को सिर में तेज दर्द हुआ तो डॉ. विनोद प्रसाद के यहां भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

उसके बाद क्लिनिक पर हंगामा हुआ, जबकि सदर अस्पताल में लक्ष्मीपुर गांव के ही विनोद पासवान और अशोक पासवान को भर्ती कराया गया। जहां से उसे मुजफ्फरपुर रेफर किया गया, जिसकी रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। हालांकि इसकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, जबकि ध्रुव पासवान की शहर के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मौत हो गई है। उसकी मौत की वजह जहरीली शराब बताई जा रही है। हालांकि मृतकों के परिजनों का कहना है कि वह शराब नहीं पीता था।
बात शराबबंदी की नहीं बल्कि नशाबंदी की है : CM भूपेश बघेल
अब इन्हीं सब कारणों से छत्तीसगढ़ सरकार शराबबंदी को लेकर जल्दबाजी नहीं कर रहे है। सीएम भूपेश बघेल पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें शराबबंदी से ज्यादा अपनी जनता की चिंता है, इसलिए जो भी कदम उठाया जाएगा सोच समझकर उठाया जाएगा। शराबबंदी पर CM बघेल ने कहा कि शराबबंदी सिर्फ दुकान बंद कर देने से नहीं होगा, समाज के लोगों को जब तक शराबबंदी के प्रति जागरूक नहीं किया जायेगा, तब तक शराबबंदी संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से समझ आया। लोग नकली शराब पीकर मरे। थिनर पीकर मरे। 5 रुपए का गुड़ाखू 100 रुपए में बिका।

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