छत्तीसगढ़: जानिए! भगवान श्री राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि के बारे में

माता कौशल्या के जन्मभूमि को लोग नहीं जानते है. लेकिन आज हम भगवान राम के ननिहाल की कहानी बताएंगे. वो गांव जहां आज भी लोग भगवान राम और मां कौशल्या की पूजा करते हैं. इस गांव में भगवान राम को भांजा कहा जाता है.

दरअसल कौशल प्रदेश उत्तर भारत के इलाके को कहा जाता है और दक्षिण कौशल वर्तमान छत्तीसगढ़ के हिस्से को कहा जाता है. दक्षिण कौशल के राजा भानुमांत की बेटी कौशल्या का उत्तर कौशल के दशरथ राजा के साथ विवाह हुआ था. इसलिए छत्तीसगढ़ में आज भी बहगवान राम को भांजा कहा जाता है. वहीं माता कौशल्या का जन्म स्थान राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव को माना जाता है. इसी गांव में तालाब के बीच दुनिया का इकलौता माता कौशल्या का मंदिर है. इस मूर्ति में राम लल्ला माता कौशल्या के गोद में खेल रहे हैं.

भगवान राम ने अपने बाल्यपन का काफी समय भी अपने ननिहाल में बिताया है. वहीं वनवास के 14 वर्ष में से लगभग 10 वर्ष की समय वे छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों पर रहे हैं. हमारी 4 पीढ़ी मंदिर की पूजा-अर्चना करती आ रही है.

दुनिया का इकलौता माता कौशल्या का मंदिर है इसलिए प्रदेश ही नहीं देश के कोने कोने से लोग आते हैं. इस गांव में 100 से अधिक तालाब है. इसी तरह तालाबों के बीच टापू को तरह मंदिर दिखाई पड़ता है.

मंदिर का मुख्य द्वार के पास भगवान राम की विशाल काय प्रतिमा बनाई गई है. पर्यटक यहां अक्सर तस्वीर खिंचवाते दिखते है. इसकी ऊंचाई 51 फीट है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि हर साल नवरात्रि में यहां विशेष पूजा अर्चना होती है.

इसके अलावा राम नवमी में यहां पूजा होती है. सरकार की मदद से इस जगह को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे आस पास बहुत दुकान खुल गए है साथ ही नए नए डेवलपमेंट का काम चल रहा है.

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