बड़ी खबर : तीन नए राज्य बना सकती है केंद्र की भाजपा सरकार , यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान से निकलेंगे तीनों राज्य, विधानसभा चुनाव में हो सकती है घोषणा

केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही कुछ नए राज्यों के निर्माण पर विचार कर रही है। देश में तीन नए राज्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। जल्द ही आगामी विशेष सत्र में मुहर लग सकती है।

सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में मरुप्रदेश,उत्तरप्रदेश में अयोध्या प्रदेश या पूर्वांचल व महाराष्ट्र में विदर्भ नया राज्य बनने की संभावना है। ऐसा करके मोदी सरकार लगाएगी सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक.

सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में पूर्वी राजस्थान से वसुधंरा राजे, पश्चिमी राजस्थान से गजेन्द्र सिंह शेखावत व अर्जुन मेघवाल मुख्यमंत्री दावेदार हो सकते हैं।

इससे कांग्रेस में सचिन पायलेट व अशोक गहलोत गुट का टकराव को फायदा भी भाजपा को मिल सकता है।

राजस्थान के नए जिलों के निर्माण के मास्टरस्ट्रोक पर राज्य बनाने का दांव भाजपा खेल सकती है ताकि चुनाव जीतने में आसानी हो। आगामी विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी इसका ऐलान हो सकता है। इसी तरह अयोध्या प्रदेश से रामराज्य की परिकल्पना को भाजपा साकार कर सकती है।

अगर पूर्वांचल राज्य बना, तो वहां कितनी विधानसभा और लोकसभा सीटें होंगी?

इसमें 125 विधानसभा और 25 लोकसभा सीटें हो सकती हैं। यहां भाजपा 115 सीटों के साथ बहुमत में है। सीएम योगी आदित्यनाथ इसी क्षेत्र से हैं। वे नए राज्य में भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

जानिए नए राज्य बनने की पूरी प्रक्रिया :

नया राज्य बनाने के क्या प्रावधान हैं?
संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत अलग राज्य के गठन का अधिकार केंद्र सरकार को है। वह किसी भी राज्य का क्षेत्र बढ़ा या घटा सकती है, सीमाएं बदल सकती है। वह राज्य का नाम भी बदल सकती है।

अलग राज्य बनाने की क्या प्रक्रिया है?
पहले विधानसभा नए राज्य के गठन का प्रस्ताव पास करती है। फिर इसे राष्ट्रपति को भेजती है। इस पर केंद्र कदम उठा सकता है। यूपी विधानसभा नवंबर 2011 में राज्य के 4 हिस्सों- बुंदेलखंड, पूर्वांचल, अवध प्रदेश और पश्चिम प्रदेश में बंटवारे का प्रस्ताव पास कर चुकी है।

यह राष्ट्रपति के पास से पहले ही गृह मंत्रालय तक पहुंच चुका है। सरकार फैसला लें, तो गृह मंत्री संसद में नए राज्य के गठन का प्रस्ताव पेश करते हैं। इसमें यह भी तय होता है कि नए राज्य में कितने जिले, विधानसभा और लोकसभा सीटें होंगी।

अगर अभी पूर्वांचल राज्य बन गया, तो इस क्षेत्र के विधायकों की क्या स्थिति होगी?
इसमें क्षेत्र के विधायक नए राज्य के विधायक होंगे। नए राज्य की प्रोविजनल विधानसभा होगी। स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा। यहां बहुमत वाली पार्टी को सरकार बनाने का न्योता मिलेगा। यूपी की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 महीने बचा है।

केंद्र यह प्रस्ताव यूपी सरकार को भेजेगा?
मायावती सरकार ने पूर्वांचल का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। केंद्र इसमें संशोधन कर सकता है। पर इसे नए सिरे से राज्य सरकार को भेजने की बाध्यता नहीं है।

नए राज्य के विधानसभा, लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन किस तरह होगा?
यह चुनाव आयोग के दायरे में आता है। आयोग को तय करना होता है कि कौन सी सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी।

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