Dhanvantari Dev aarti: धनतेरस पर करें धन्वंतरि देव की आरती
Dhanvantari Dev aarti: कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस के नाम से जाना जाता है. इस साल यह 10 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है. साथ ही धन्वंतरि देव की पूजा करने से भी शुभ फल प्राप्त होता है. इस दिन को उनके जन्मदिन के तौर पर भी मनाया जाता है.
नीचे पढ़ें धन्वंतरि देव की आरती
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा॥
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा॥
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा॥
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
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स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा॥
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा॥
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा॥