मकर संक्रांति के दो दिन बाद शनि बदलेंगे चाल, करे ये आसान काम बरसेगा धन-वैभव…
रायपुर I मकर संक्रांति के ठीक दो दिन बाद शनि देव राशि परिवर्तन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई इस दिन शनिदेव की पूजा से प्रसन्न होता है तो शनिदेव उसके जीवन में सुख, धन और यश की वर्षा करते हैं। आइए जानते हैं मकर संक्रांति पर कैसे करें शनिदेव को प्रसन्न।
इस वर्ष मकर संक्रांति पर्व व्यापार और नौकरी से जुड़े जातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगा क्योंकि मकर संक्रांति के ठीक दो दिन बाद ही शनिदेव ने राशि परिवर्तन किया है जिसमें कई राशियों के लोगों को लाभ मिलेगा।
शनि देव खोलेंगे इन राशियों का भाग्य
- ज्योतिषीय गणना के अनुसार शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
- इस प्रक्रिया में मीन राशि के जातक गतिमान होंगे .
- मकर राशि के जातक साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे।
यदि शनिदेव किसी पर प्रसन्न हो जाते हैं –
तो उस व्यक्ति का जीवन केवल खुशियों से भर जाता है। शनि देव की कृपा से इन लोगों को भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होंगी और इनके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। उनके परिवार में भी माहौल अच्छा है।
वहीं जब शनि देव किसी पर नाराज हो जाते हैं –
तो उस व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता खत्म हो जाती है और नकारात्मक चीजें होने लगती हैं.
इसका मतलब है कि उन्हें रोजगार का नुकसान होगा और उनके घर का माहौल भी खराब होने लगेगा। इसलिए मकर संक्रांति के दिन शनिदेव की विशेष पूजा शनिदेव की कृपा पाने और समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए लाभकारी सिद्ध होती है।
तो आइए जानते हैं किन चीजों से शनि देव प्रसन्न हो सकते हैं।
1. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए अपने वजन के अनुसार तेल चढ़ा सकते हैं अर्थात अगर हमारा 56 किलो वजन हो तो हमें 56 ग्राम तेल भगवान को चढ़ा सकते हैं जिससे शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं तथा मनोवांछित फल देते हैं.
2. इस दिन शनि चालीसा का पाठ करें एवं भगवान को काले तिल के लड्डू का भोग लगाएं.
3. शनि देव के 1000 नाम से श्रद्धा अनुसार अर्चना करें
4. शनि स्तोत्र का पाठ करें.
5. शनिदेव की षोडशोपचार पूजा कर भगवान को श्रीफल भेंट करें और जो मनोकामना हो, भगवान के सामने कह कर अपने घर को जाएं और पीछे मुड़कर ना देखें.
6. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किसी गरीब या भिखारी को लोहे का दान करें एवं काले वस्त्र एवं काला कम्बल भेंट करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं.
7. शनि देव के सामने आटे के सात दीपक प्रज्जवलित कर नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें.