सरकार का लॉजिस्टिक लागत को 2024 के अंत तक GDP के 9% पर लाने का लक्ष्य: गडकरी
नयी दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को देश में लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि सरकार का इसे 2024 के अंत तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मौजूदा 16 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है.
उन्होंने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के सालाना सत्र में यह भी कहा कि श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर 6.5 किलोमीटर जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन अगले महीने किया जाएगा. साथ ही एशिया की सबसे बड़ी सुरंग जोजिला के 2024 में पूरा होने की उम्मीद है. गडकरी ने कहा, ‘‘देश के उद्योग और कारोबार के समक्ष लॉजिस्टिक की ऊंची लागत बड़ी चुनौती है. अभी यह जीडीपी का 16 प्रतिशत है. हमने इसे 2024 के अंत तक नौ प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है.’’ उन्होंने कहा कि चीन में जहां लॉजिस्टिक लागत आठ प्रतिशत है, वहीं अमेरिका और यूरोपीय संघ में यह 12 प्रतिशत है.
गडकरी ने कहा, ‘‘अगर हम लॉजिस्टिक लागत को कम कर नौ प्रतिशत पर ला सके, तो हमारा निर्यात 1.5 गुना बढ़ जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसे हासिल करने के लिये सरकार सड़क मार्ग और रेलवे दोनों में सुधार पर ध्यान दे रही है. हम प्रमुख शहरों और केंद्रों के बीच की दूरी को कम करने पर ध्यान देने के साथ हरित राजमार्ग और औद्योगिक गलियारा बना रहे हैं.’’
कुछ राजमार्ग परियोजनाओं का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा, ‘‘दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद लोग केवल 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई पहुंच सकते हैं. वहीं नागपुर से मुंबई पांच घंटे में और नागपुर से पुणे की यात्रा छह घंटे में हो सकेगी. इससे लॉजिस्टिक लागत कम करने में मदद मिलेगी.’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग बना रहे हैं. इस सुरंग का उद्घाटन अप्रैल में किया जाएगा.’’
श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग सोनमर्ग और गगनगिर के बीच है. यह सुरंग बारहमासी संपर्क सुविधा प्रदान करेगी. मंत्री ने कहा, ‘‘हम एशिया की सबसे बड़ी सुरंग जोजिला में बना रहे है. जोजिला सुरंग का 65 से 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसका उद्घाटन 2024 में होगा.’’ कुल 13.5 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग का निर्माण 4,900 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. यह श्रीनगर को लेह से जोड़ेगी. इससे हर मौसम में संपर्क सुविधा मिलेगी.
फिलहाल, र्सिदयों के शुरू होने के बाद भारी हिमपात के कारण सड़क वाहनों के आवागमन के लिए बंद रहती है. गडकरी ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय जम्मू-श्रीनगर के बीच नौ सुरंगों पर काम कर रहा है. मंत्री ने वैकल्पिक ईंधन पर ध्यान देकर ईंधन की लागत कम करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान कचरे को संपत्ति में बदलने पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में ठोस कचरे के तीन ‘पहाड़’ हैं और अगले दो साल के भीतर इस कचरे का इस्तेमाल सड़क निर्माण में किया जाएगा.