ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने मामले में आदेश सुरक्षित
वाराणसी . जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने और पूजा की अनुमति देने के वाद पर आदेश सुरक्षित रख लिया. इसी वाद में पक्षकार बनाने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी की अर्जी पर भी 18 नवंबर को सुनवाई होगी.
सोमनाथ व्यास (व्यास जी) के नाती शैलेन्द्र कुमार पाठक ने 25 सितंबर को कोर्ट में वाद दाखिल किया था. वादी ने काशी मंदिर न्यास ट्रस्ट व अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को पक्षकार बनाया. इस वाद पर विपक्षी अंजुमन की ओर से आपत्ति दाखिल की गई.
बुधवार को सुनवाई के दौरान वादी के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी ने दलील दी कि वर्षों से दक्षिणी तहखाना व्यासजी के परिवार के कब्जे में रहा है. वर्ष 1993 से पहले उनके पूर्वज वहां पूजा-पाठ करते रहे. इसके बाद प्रदेश सरकार के एक आदेश पर तहखाने को लोहे की बैरिकेडिंग से घेर दिया गया. वर्तमान में नंदीजी के सामने स्थित तहखाने का दरवाजा खुला है. उस जगह वादी और उनके परिवार को जाने से रोका जाता रहा है.
गैर हिंदुओं के प्रवेश के वाद पर सुनवाई सात को
सिविल जज सीनियर डिविजन/ एफटीसी की अदालत में बुधवार को ज्ञानवापी के एक मामले में सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट रिक्त होने के कारण अगली सुनवाई के लिए सात दिसंबर की तिथि नियत की गई. विष्णु गुप्ता व अन्य ने कोर्ट में वाद दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग की है.
सुनवाई एक दिसंबर तक टली
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई एक दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने दोनों पक्षों के वकीलों की सहमति पर दिया है. मुख्य न्यायाधीश की बेंच के समक्ष मसाजिद कमेटी की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई होनी थी.