Indian Rupee: अमेरिका डॉलर को पछाड़कर भारतीय रुपया बनने जा रहा इंटरनेशल करेंसी, जानें कैसे…

Indian Rupee को इंटरनेशनल करेंसी बनाने की पहल शुरू.

रायपुर I जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते संकट में फंसी हुई है, तब भारत ने एक ऐसा बड़ा काम शुरू कर दिया है जो आगे चलकर उसे सही मायने में दुनिया की दूसरी महाशक्ति के रूप में स्थापित कर देगा. पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने रुपये (Indian Rupee) को इंटरनेशनल करेंसी (International Currency) बनाने की पहल शुरू की है, जिसे बढ़िया रिस्पांस भी मिलने लगा है. अगर यह पहल कामयाब हुई तो अमेरिकी डॉलर (US Dollars) के अलावा रुपया दुनिया की दूसरी बड़ी इंटरनेशनल करेंसी बन जाएगा. जिसके बाद आप भारतीय रुपयों से दुनिया में कहीं भी खरीदारी कर सकेंगे.

भारत ने जुलाई में शुरू की अहम योजना

भारत सरकार ने इस साल जुलाई में यह महत्वाकांक्षी पहल शुरू की, जिसका मकसद उन देशों को वैकल्पिक ट्रांजेक्शन सिस्टम उपलब्ध करवाना है, जो अमेरिकी डॉलर (US Dollars) की कमी का सामना कर रहे हैं. ऐसे देशों में स्पेशल वोस्त्रो अकाउंट खोलकर उन्हें रुपी सेटलमेंट सिस्टम के तहत लाया जाना है, जिसके बाद भारत और उन देशों में सीधे भारतीय रुपये में लेन-देन शुरू हो सकेगा.

अपनी अर्थव्यवस्था बढ़ाने की कोशिश

भारतीय रुपये (Indian Rupee) में ये दोनों खूबियां मौजूद हैं. इंडियन रूपी श्रीलंका में पहले से लीगल करेंसी के रूप में मान्यता प्राप्त है. दूसरी बात, भारत से अच्छे संबंध होने की वजह से उसे बड़ी मात्रा में इंडियन करेंसी मिलने में दिक्कत नहीं होगी. जिसके जरिए वह बाद में दुनिया के अन्य देशों से अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकेगा. साथ ही अपनी रुक चुकी अर्थव्यवस्था को भी कुछ गति दे सकेगा.

इंटरनेशनल करेंसी बनाने की कोशिश

वित्त मंत्रालय ने इंडियन बैंक असोसिएशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन से आग्रह किया है कि वे संबंधित पक्षों से मिलकर भारतीय रुपये में व्यापार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें. जिससे भारतीय रुपये (Indian Rupee) की दुनिया में इंटरनेशनल करेंसी (International Currency) के रूप में मान्यता बढ़े और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इसके एक्सचेंज रेट्स में भी सुधार हो.

अभी तक यूएस डॉलर का रहा है राज

बताते चलें कि फिलहाल दुनिया की एकमात्र बड़ी इंटरनेशनल करेंसी अमेरिकी डॉलर (US Dollars) है. दुनिया के सभी देश इसी करेंसी के जरिए एक-दूसरे से व्यापार करते हैं. अमेरिका अपनी करेंसी के जरिए दुनिया के व्यापार पर असरदार कंट्रोल रखता है. उस जिस देश को दबाना होता है, यूएस बैंक उस देश को अमेरिकी डॉलर की सप्लाई घटा देते हैं, जिससे वह बाकी दुनिया के साथ कारोबार करने में अक्षम हो जाता है.

उसकी इस बादशाहत को तोड़ने के लिए रूस, चीन जैसे देश लंबे समय से कोशिश करते रहे हैं लेकिन अब तक कामयाब नहीं हो पाए हैं. अब पीएम मोदी की लीडरशिप में भारत ने इस बारे में जोरदार पहल शुरू की है, जिसके सकारात्मक नतीजे भी दिखने लगे हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में अमेरिकी डॉलर के साथ ही इंडियन रुपी भी दुनिया की प्रमुख इंटरनेशल करेंसी (International Currency) बन जाए तो हैरानी की खास बात नहीं होगी.

इन देशों में भी चलता दिखेगा भारतीय रुपया

भारत सरकार की इस पहल को दुनिया के देश किस तरह रूचि दिखा रहे हैं, इसका पता इसी बात से चलता है कि RBI अब तक 18 वोस्त्रो अकाउंट्स (Vostro Accounts) खोल चुका है. इनमें से रूस के लिए 12 अकाउंट्स, श्रीलंका के लिए 5 अकाउंट्स और मॉरीशस के लिए 1 अकाउंट शामिल हैं. यानी इन तीनों देशों में अब भारत का रुपया (Indian Rupee) एक इंटरनेशल करेंसी के रूप में पूरी तरह मान्यता प्राप्त होगा और आप वहां जाकर रुपये से कोई भी चीज खरीद सकेंगे. अमेरिकी डॉलर (US Dollars) की कमी का सामना कर रहे ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्जेमबर्ग और सूडान ने भी भारत की इस पहल में दिलचस्पी दिखाई है और जल्द ही वहां पर भी RBI अपने वोस्त्रो अकाउंट्स खोल सकता है.

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