बृजमोहन अग्रवाल का संसदीय अध्ययन दौरा, खेल-शिक्षा को लेकर दिए अहम सुझाव

रायपुर/भुवनेश्वर । रायपुर सांसद व संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने भुवनेश्वर में आयोजित संसदीय अध्ययन दौरे में सक्रिय भागीदारी निभाई। दौरे के दौरान उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तथा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता जैसे अहम मुद्दों पर गहराई से विचार-विमर्श किया।

CSR फंडिंग से खेलों को बढ़ावा देने पर जोर
सांसद अग्रवाल ने समिति के अन्य सदस्यों के साथ “CSR फंडिंग के माध्यम से खेलों के प्रोत्साहन” विषय पर आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में भारत सरकार के खेल मंत्रालय, ओडिशा सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों – SBI, BOB, PNB और BOI – के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उन्होंने खेल सुविधाओं के लिए संसाधनों की उपलब्धता और निजी क्षेत्र की भूमिका पर चर्चा की।

कलिंगा स्टेडियम का दौरा
समिति ने भुवनेश्वर के प्रतिष्ठित कलिंगा स्टेडियम का दौरा कर वहां मौजूद खेल सुविधाओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि ऐसे स्टेडियम देशभर के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, और इनसे सीख लेकर अन्य राज्यों में भी उच्चस्तरीय ढांचे तैयार किए जा सकते हैं।

महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं की समीक्षा
सांसद अग्रवाल ने “शक्ति सदन”, “सखी निवास” और “वन-स्टॉप सेंटर” का दौरा कर वहां चल रही सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने महिला सुरक्षा, पुनर्वास और बाल संरक्षण की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही हैं।

उच्च शिक्षा संस्थानों से संवाद
अग्रवाल ने IIT भुवनेश्वर, IISER बेरहामपुर, NIT राउरकेला, IIM संबलपुर और केंद्रीय विश्वविद्यालय कोरापुट के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर शिक्षा की गुणवत्ता, शोध कार्य, बुनियादी ढांचे और रोजगारपरक शिक्षा पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में भारत सरकार और ओडिशा सरकार के उच्च शिक्षा विभागों के अधिकारियों ने भी प्रस्तुति दी।

नीति निर्माण में मददगार होगा यह दौरा: अग्रवाल
अग्रवाल ने कहा कि यह दौरा न केवल जमीनी स्तर पर योजनाओं की स्थिति को समझने में सहायक रहा, बल्कि आगामी नीतियों और संसदीय अनुशंसाओं के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा, “ओडिशा में हो रहे नवाचार देशभर में अपनाए जा सकते हैं और इससे शिक्षा, खेल और महिला-बाल कल्याण के क्षेत्रों में बड़ा सुधार संभव है।”

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