LAC पर सामान्य हो रहे हालात, चीन ने उखाड़े अपने तंबू

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच समझौते के कुछ दिनों बाद, LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसकी जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।

क्षेत्र में दोनों ओर से एक-एक तंबू तथा कुछ अस्थायी संरचनाओं को हटा दिया गया है, तथा भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी किनारे की ओर वापस लौट रहे हैं, जबकि चीनी सैनिक नाला के पूर्वी किनारे की ओर पीछे हट रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों तरफ लगभग 10-12 अस्थायी ढांचे और 12 टेंट हैं, जिन्हें हटाया जाएगा।

4-5 दिनों में फिर से शुरू होगी गश्त
गुरुवार को चीनी सेना ने इलाके में अपने वाहनों की संख्या भी कम कर दी और भारतीय सेना ने भी कुछ सैनिकों को वापस बुला लिया। सूत्रों ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले 4-5 दिनों में देपसांग और डेमचोक में गश्त फिर से शुरू होने की उम्मीद है।

भारत ने 21 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करने के समझौते पर पहुंच गया है, जिससे चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी सफलता मिली है। मई 2020 में गलवान घाटी में सैनिकों के बीच हिंसक टकराव के बाद गतिरोध शुरू हुआ था।

चीन ने भी की भारत के साथ समझौते की पुष्टि
चीन ने भी अगले दिन इस समझौते की पुष्टि की, बीजिंग ने कहा कि “प्रासंगिक मामलों” पर एक समाधान हो गया है और वह इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा।

वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि आगे चलकर उनका देश इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा।

बता दें कि LAC पर सैनिकों की वापसी से दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की उम्मीद है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की और इस समझौते का समर्थन किया। इस बैठक के बाद दोनों पक्षों की ओर से विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए गए, जिससे संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत मिला।

भारत और चीन के बीच हुआ समझौता
भारत और चीन LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर पहुंचे हैं। कथित तौर पर यह समझौता डेपसांग और डेमचौक इलाकों में पेट्रोलिंग से संबंधित है।

जानकारी के मुताबिक संघर्ष के इन दोनों बिंदुओं (डेपसांग और डेमचौक) पर पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है और जल्द ही दोनों देश अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर देंगे, जिसे मिलिट्री टर्म में डिसइंगेजमेंट कहते हैं।

पीएम मोदी के रूस दौरे से पहले हुआ समझौता
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग की व्यवस्था को लेकर बनी सहमति से 2020 में पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न हुए तनाव का धीरे-धीरे समाधान हो रहा है। यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम 22-23 अक्टूबर को हुए 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले सामने आया था।

पांच साल में पहली बार हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा संबंधी मामलों पर मतभेदों को सीमा पर शांति और स्थिरता को भंग न करने देने की आवश्यकता पर जोर दिया। शी चिनफिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए सुझावों पर “सैद्धांतिक रूप से” सहमति जताई।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button