40 साल बाद बाड़मेर में आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर का चातुर्मास, 6 जुलाई को नगर प्रवेश

बाड़मेर । थार नगरी बाड़मेर एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक आयोजन की साक्षी बनने जा रही है। 40 वर्षों बाद जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ बाड़मेर में आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वरव व साध्वी डॉ. विधुत्प्रभाश्री आदि ठाणा का चातुर्मास होगा। नगर में चातुर्मास प्रवेश 6 जुलाई को गाजे-बाजे और शोभायात्रा के साथ किया जाएगा।

चातुर्मास को लेकर तैयारियां पूरे जोर पर हैं। संघ अध्यक्ष अशोक धारीवाल व सचिव बाबूलाल बोथरा हेमरत्न ने बताया कि नगर में गुरुदेव के स्वागत के लिए 40 तोरण द्वार लगाए जाएंगे। चातुर्मास समिति ने विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग समितियों का गठन कर जिम्मेदारियां सौंप दी हैं।

शोभायात्रा होगी भव्य और ऐतिहासिक
संघ के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश भंसाली ने बताया कि शोभायात्रा कल्याणपुरा पार्श्वनाथ मंदिर महावीर चौक से शुरू होकर नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन और प्रवचन स्थल सुधर्म प्रवचन वाटिका (कोटड़िया नाहटा ग्राउंड) तक पहुंचेगी। शोभायात्रा में राजस्थानी गैर नृत्य, रंगोली, घोड़े, बैंड और ढोल जैसे रंगारंग आयोजन शामिल रहेंगे।

आध्यात्मिक कार्यक्रमों की होगी श्रृंखला
कोषाध्यक्ष बाबूलाल छाजेड़ ने जानकारी दी कि चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन सुबह 9:15 से 10:15 तक गुरुदेव का प्रवचन होगा। साथ ही भक्तामर पाठ, नवकार आराधना, महापूजन, ध्यान-शिविर, तत्वरसिक प्रवचन, पर्युषण महापर्व, ओली आराधना और अन्य धार्मिक आयोजन संपन्न होंगे।

महत्वपूर्ण तिथियां:
10 जुलाई: गुरु पूर्णिमा
30 जुलाई: खरतरगच्छ दिवस
20 अगस्त: पर्युषण महापर्व आरंभ
27 अगस्त: संवत्सरी महापर्व
22 सितंबर: महामांगलिक
29 सितंबर – 7 अक्टूबर: नवपद ओली आराधना

भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था
बाहरी स्थानों से आने वाले गुरु भक्तों के आवास की जिम्मेदारी सतीष छाजेड़ और कैलाश धारीवाल को दी गई है, जो अग्रिम सूचना पर व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

बाड़मेर में चार दशकों बाद हो रहे इस चातुर्मास से संघ में उल्लास और आस्था का माहौल चरम पर है। यह आयोजन न सिर्फ आध्यात्मिक उन्नयन का माध्यम बनेगा, बल्कि नगर के धार्मिक इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ेगा।

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