स्वतंत्रता केवल अधिकारों के बारे में नहीं, बल्कि कर्तव्यों और एकता के लिए भी है: प्रधानमंत्री मोदी

करमसद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि यह दिन देशवासियों को याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल अधिकारों के बारे में नहीं है, बल्कि कर्तव्यों और एकता के आह्वान के लिए भी है। प्रधानमंत्री का संदेश गुजरात के आणंद जिले के करमसद कस्बे में ‘एकता मार्च’ के शुरू होने के समारोह के दौरान पढ़ा गया। करमसद भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल का पैतृक स्थान है।
गुजरात सरकार सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में नर्मदा जिले के करमसद से ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ तक ‘पदयात्रा’ का आयोजन कर रही है। इस अवसर पर जिला कलेक्टर प्रवीण चौधरी ने प्रधानमंत्री का संदेश पढकर सुनाया। प्रधानमंत्री ने पदयात्रा के आयोजन के लिए राज्य सरकार को बधाई दी तथा कहा कि पदयात्राओं ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मोदी ने कहा, ‘‘पदचिह्नों की ध्वनि ने समाज को एकजुट किया, लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाया और लाखों दिलों में एकता की भावना पैदा की। सरदार पटेल जानते थे कि जब लोग एक साथ चलते हैं, तो मतभेद पीछे छूट जाते हैं और मार्ग सर्वोच्च हो जाता है।’’ उन्होंने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि ‘एकता मार्च’ संविधान दिवस पर आयोजित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल अधिकारों से ही नहीं, बल्कि कर्तव्यों से भी जुड़ी है और एकता का आह्वान भी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हम हर उस पहल में राष्ट्रीय एकता का जीवंत उदाहरण देखते हैं, जिसमें नागरिक स्वेच्छा से भाग लेते हैं, चाहे वह डिजिटल इंडिया हो, फिट इंडिया हो, स्वच्छ भारत अभियान हो या ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी जनभागीदारी वाली पहल हो।’’
मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प हमारे युवाओं की ऊर्जा, देशवासियों की एकजुटता और नवाचार से पूरा होगा। मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि ‘एकता मार्च’ राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा, ‘‘एकता मार्च लोगों को देश और समाज की बेहतरी के लिए भारत की प्रगति के साथ अपने लक्ष्यों को जोड़ने के लिए प्रेरित करेगा। इस अवसर पर मैं सरदार वल्लभभाई पटेल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हू।’’
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में मार्च को हरी झंडी दिखाई। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘पदयात्रा’ पांच दिसंबर को एकता नगर स्थित स्टैच्यू आॅफ यूनिटी पर समाप्त होगी। इसमें प्रतिदिन लगभग 15,000 लोग शामिल होंगे।





