‘‘प्रधानमंत्री को कैद करना ही है लोगों की इच्छा का सम्मान’’: भारत का पाकिस्तान पर करारा तंज

संयुक्त राष्ट्र. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कड़े शब्दों में पाकिस्तान के ‘‘विभाजनकारी एजेंडे’’ की आलोचना करते हुए कहा कि इस्लामाबाद का अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का ‘‘अनूठा’’ तरीका यह है कि वह एक निर्वाचित प्रधानमंत्री को जेल में डाल देता है और अपने सेना प्रमुख को आजीवन कानूनी सुरक्षा दे देता है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश पर्वतनेनी ने सोमवार को सुरक्षा परिषद में ‘शांति के लिए नेतृत्व’ विषय पर हुई खुली बहस के दौरान पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद द्वारा जम्मू कश्मीर और सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाए जाने के बाद कड़ा जवाब दिया.

हरीश ने कहा, ‘‘आज की खुली बहस में पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर का अनुचित उल्लेख भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने पर केंद्रित है. एक गैर-स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य, जो अपने विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के हर मंच और हर बैठक का दुरुपयोग करता है, उससे अपनी निर्धारित जिम्मेदारियों और दायित्वों को निभाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भारत, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का उसके सभी रूपों और स्वरूपों में पूरी ताकत से मुकाबला करेगा.’’ भारत ने पाकिस्तानी दूत के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि जम्मू कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए.

हरीश ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के पास अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का बेशक एक अनूठा तरीका है – एक प्रधानमंत्री को जेल में डालना, सत्ता में रहे राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाना और 27वें संशोधन के जरिए सशस्त्र बलों द्वारा एक संवैधानिक तख्तापलट की राह बनाने की अनुमति देना तथा अपने सेना प्रमुख को आजीवन सुरक्षा देना.’’ पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं और खबरों के अनुसार उन्हें लंबे समय से एकांत कारावास में रखा गया है.

यातना संबंधी मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ऐलिस जिल एडवर्ड्स ने पाकिस्तान सरकार से खान को ‘‘अमानवीय और अपमानजनक’’ परिस्थितियों में हिरासत में रखे जाने की खबरों पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है और चेतावनी दी है कि ये यातना या अन्य दुर्व्यवहार की श्रेणी में आ सकती हैं.

पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पारित 27वां संवैधानिक संशोधन रक्षाध्यक्ष और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को किसी भी कानूनी कार्रवाई से आजीवन सुरक्षा देता है. हरीश ने दोहराया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने 65 वर्ष पहले सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से की थी.

हरीश ने कहा, ‘‘इन साढ़े छह दशकों में पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकवादी हमले करके संधि की भावना का उल्लंघन किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार दशकों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों में हजारों भारतीयों की जान गई है, जिनमें सबसे हालिया अप्रैल 2025 का पहलगाम आतंकवादी हमला शामिल है, जिसमें धर्म के आधार पर 26 निर्दोष नागरिकों की लक्षित हत्या की गई.’’ भारतीय राजदूत ने कहा, ‘‘इसी पृष्ठभूमि में भारत ने अंतत? यह घोषणा की है कि सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखा जाएगा, जब तक वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान सीमा पार और अन्य सभी प्रकार के आतंकवाद को समर्थन देना विश्वसनीय और स्थायी रूप से समाप्त नहीं कर देता.’’

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