विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में प्लेइंग 11 से बाहर होने पर छलका आर आश्विन का दर्द
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से बाहर होने के बाद टेस्ट के नंबर एक गेंदबाज लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। अब अश्विन ने खुद बार-बार प्लेइंग इलेवन से बाहर होने पर अपना और अपने परिवार का दर्द बयां किया है, जिसके चलते उन्हें ‘ओवरथिंकर’ का टैग दिया गया ह
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अश्विन ने कहा कि ओवरथिंकर का टैग उनके खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है। अश्विन ने कहा कि एक व्यक्ति जो 15-20 मैच खेलता है और जीतता है, उसे ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। दूसरी तरफ एक व्यक्ति जो जानता है कि उसे सिर्फ दो मैच खेलने का मौका दिया जाएगा वो जाहिर तौर पर सदमे में होगा और ज्यादा सोचेगा।
किसी को ओवरथिंकर कहना गलत है और हर किसी की अपनी जिंदगी होती है। किसी को ऐसा करने का अधिकार नहीं है और न ही इससे किसी का कोई लेना देना है। अश्विन ने कहा कि प्लेइंग इलेवन में मेरा नाम था या नहीं यह मेरे हाथ में नहीं है। अगर मैंने ऐसा खेला होगा, तो मेरा नाम टीम में शामिल होगा और ऐसा मेरा मानना है। मैंने पहले भी कहा कि मुझे कोई शिकायत नहीं और न ही मेरे पास इतना समय है कि बैठ के पछतावा करते रहूं।
अश्विन ने कहा कि ऐसे मामलों पर उनका परिवार और खासतौर से उनके पिता काफी सदमे से गुजरते हैं। उन्होंने कहा कि जितनी बार मैं इन परिस्थितियों से गुजरता हूं और मेरे परिवार पर इसका काफी बुरा असर होता है। मेरे पिता को हर्ट की समस्या के साथ कई अन्य बीमारियां हैं।
हर एक मैच और दिन कुछ न कुछ होता है तो वह मुझे फोन करते हैं। इससे वो तनाव में रहते हैं। मेरे लिए खेलना काफी आसान है क्योंकि यह अभी मेरे हाथ मे हैं, लेकिन मेरे पिता के लिए आसान नहीं है और इस कारण वह मुझसे भी ज्यादा परेशानी से गुजरते हैं। लोग जो कह रहे है उसका कोई मतलब नहीं है।