झीरम हमले की 12वीं बरसी पर कांग्रेसजनों ने दी श्रद्धांजलि

रायपुर । झीरम घाटी नक्सली हमले की 12वीं बरसी पर कांग्रेसजनों ने राजीव भवन में शहीद नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व सांसद छाया वर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे। शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा गया।
भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने झीरम हमले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी, लेकिन एनआईए ने जांच बाधित की और फाइल राज्य को नहीं सौंपी। उन्होंने आरोप लगाया कि एनआईए ने पीड़ितों से पूछताछ नहीं की और संदिग्ध नक्सलियों के खिलाफ आरोपपत्र तक दाखिल नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनआईए की याचिका खारिज किए जाने के बाद जांच का रास्ता साफ हुआ, लेकिन तब तक सरकार बदल चुकी थी।
उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “आखिर किसे बचाने के लिए जांच रोकी गई? झीरम का सच सामने आने से बीजेपी के षड्यंत्र उजागर हो जाएंगे।”
झीरम कांग्रेस के लिए कभी न भरने वाला घाव: चरणदास महंत
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि झीरम कांग्रेस के लिए सिर्फ हमला नहीं, बल्कि भावनात्मक आघात है। उन्होंने सवाल उठाया कि परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा नक्सल क्षेत्र में ही क्यों हटाई गई थी? यह सिर्फ प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश भी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए यह भले ही एक प्रशासनिक घटना हो, लेकिन कांग्रेस के लिए झीरम लोकतंत्र पर हमला और कभी न मिटने वाला कलंक है।
कांग्रेसजनों ने एकजुट होकर दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भारी संख्या में उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा में छाया वर्मा, सुशील आनंद शुक्ला, गिरीश दुबे, महेन्द्र छाबड़ा, एजाज ढेबर, दीप बग्गा, सुरेन्द्र शर्मा, अविनय दुबे समेत कई नेताओं ने शहीदों को नमन किया।
झीरम हमला 25 मई 2013 को हुआ था, जिसमें कांग्रेस के कई शीर्ष नेता नक्सली हमले में मारे गए थे। इस दिन को कांग्रेस आज भी शहादत और न्याय की प्रतीक्षा का प्रतीक मानती है।