छत्तीसगढ़ के किसान सूरजमुखी की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं…

रायपुर। कुछ समय पहले तक छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल के अलावा दूसरी फसलों के बारे में सोचते भी नहीं थे। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के चलते किसान अब धान के बदले दूसरी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे है। क्योंकि धान के अलावा अन्य फसलों को उगाने के लिए शासन छत्तीसगढ़ के किसानों को 9 से 10 हजार प्रति एकड़ सब्सिडी दे रही है।
छत्तीसगढ़ में किसानों को उनकी उपज की सही कीमत दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित है। प्रदेश में किसानों को पिछले चार वर्षाें में 18,208 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। राज्य के अन्नदाताओं की बेहतरी और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने राज्य सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी करने का निर्णय लिया है। योजना से प्रोत्साहित होकर रायगढ़ जिला स्थित ग्राम बोन्दा विकासखण्ड पुसौर के किसान श्री तेजराम गुप्ता द्वारा अपने खेतों में सूरजमुखी की फसल लगाकर दोहरा लाभ ले रहे हैं।
श्री गुप्ता ने बताया कि उनके पास कुल 4.130 हेक्टेयर जमीन है। जिसमें वे खरीफ में धान की खेती करते हैं एवं रबी में 2 हेक्टेयर में धान की खेती करते थे। इस रबी के मौसम में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री एच.के.साहु द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में बताया गया तथा उनके द्वारा दी गई जानकारी से प्रभावित होकर उन्होंने 2 हैक्टेयर में सूरजमुखी लगाने का निश्चय किया। कृषि विभाग से उन्हें बीज सुक्ष्म पोषक तत्व एवं कीटनाशक निःशुल्क प्रदाय किया गया। उन्होंने 5 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट स्वयं से क्रय करके उपयोग किया। 3 गहरी जुताई एवं 2 बार रोटावेटर से जुताई करके खेत तैयार किया गया।
बीज की बुवाई के समय वर्मी कम्पोस्ट को अच्छी तरह खेत में मिलाने के बाद बीज की लाईन से बुवाई किया गया। बीज बुवाई के 25-30 दिन बाद निंदाई गुडाई एवं मिट्टी चढ़ाने का काम किया गया। समय-समय पर आवश्यकता अनुसार सिंचाई किया गया। इसमें धान की तुलना में बहुत की कम मात्रा में पानी की आवश्यकता हुई। वर्तमान में फसल काटने योग्य हो चुका है एवं फसल की उपज काफी अच्छी हुई है।
उन्होंने बताया कि इस फसल से काफी मात्रा में लाभ होने की उम्मीद है। किसान श्री तेजराम गुप्ता द्वारा सूरजमुखी की फसल अपनाने में उनकी आय में वृद्धि होगी एवं फसल चक्र होने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हुई है। साथ ही साथ खेती की वैज्ञानिक विधियों को किसानों के द्वारा अपनाया जा रहा है।