देश के युवाओं के लिए अग्निवीर से आकर्षक कोई योजना हो ही नहीं सकती: शाह
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नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि युवाओं के लिए इससे अधिक आकर्षक कोई योजना हो ही नहीं सकती, क्योंकि यह चार साल के बाद सेवानिवृत्त होने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए सशस्त्र बलों में पूर्णकालिक सरकारी नौकरी की गारंटी देती है.
शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तरस आता है, जिन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन के सत्ता में आने पर इस अल्पकालिक भर्ती योजना को खत्म करने का वादा किया है. शाह ने दावा किया कि चार साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के लिए नौकरी के अवसर उनकी संख्या से साढ़े गुना अधिक होंगे, क्योंकि उनके लिए विभिन्न राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में आरक्षण की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने जोर देकर कहा, ”देश के युवाओं के लिए अग्निवीर से आकर्षक कोई योजना हो ही नहीं सकती. बहुत सोच समझकर यह योजना लाई गई है.” शाह ने कहा कि अल्पकालिक भर्ती योजना से सशस्त्र बलों के र्किमयों की औसत आयु में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर रक्षा बलों के तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में औसत आयु बहुत ज्यादा है.
उन्होंने कहा, ”सिर्फ यही नहीं (आरक्षण), उनको आयु में छूट दिया गया है. फिजिकल फिटनेस के टेस्ट में छूट दिया गया है… और प्रशिक्षण को समाप्त कर दिया गया है. क्योंकि वह पहले से ही प्रशिक्षित रहेंगे. इस तरह चार साल में सेवानिवृत्त होने वाले 75 प्रतिशत लोगों के लिए आरक्षित स्थान (रोजगार) 7.5 गुना अधिक होगा.” यह पूछे जाने पर कि क्या यह गारंटी है, शाह ने कहा, ”अगर वे शामिल होना चाहते हैं, तो यह गारंटी है. कोई बाध्यता नहीं है. मैं आपसे तथ्यों और आंकड़ों के साथ बात करूंगा. 25 फीसदी को तो सैन्य बलों में समाहित कर लिया जाएगा. शेष 75 फीसदी के लिए भाजपा शासित सभी राज्यों में पुलिस बेडे की रचना में आरक्षण किया गया है. सभी सीएपीएफ में आरक्षण यानी केंद्रीय गृह मंत्रालय की नौकरियों में आरक्षण. उन्हें ग्रेच्युटी और पेंशन जैसे सभी उचित लाभों के साथ पूर्णकालिक नौकरियां मिलेंगी. अब मुझे बताइए कि नुकसान कहां है?”
उन्होंने कहा, ”यह 58 साल तक सरकारी नौकरी की गारंटी है.” कांग्रेस इस योजना की आलोचना कर रही है और कह रही है कि यह सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती है, क्योंकि उन्हें थोड़े कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त कर दिया जाता है. पार्टी ने इसे खत्म करने का वादा किया है.
इस मुद्दे के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दर सहित अन्य वादों के लिए भी कांग्रेस का मजाक उड़ाया.
जीएसटी के मुद्दे पर मुखर रहे गांधी पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, ”वह (गांधी) इसे लूट कहते हैं. आप संसद में पारित देश के कानून को गब्बर सिंह टैक्स कहते हैं. मुझे उन पर दया आती है. कांग्रेस पार्टी में भी कोई उन्हें सलाह तक नहीं देता.” उन्होंने सवाल किया कि कैसे अमीरों द्वारा उपभोग की जाने वाली विलासिता की वस्तुओं और गरीबों के लिए उपयोगी चीजों पर एक ही दर से कर लगाया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ”मुझे बताइए कि अभी साइकिलों पर पांच फीसदी और र्मिसडीज पर 28 फीसदी टैक्स है. क्या दोनों पर समान रूप से कर लगाया जाना चाहिए? राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए. गरीब महिलाओं द्वारा हाथ से बनाई गई अगरबत्ती पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाता है और एसी पर 28 फीसदी टैक्स लगता है. क्या दोनों पर समान दर से कर लगाया जाना चाहिए.” शाह ने विभिन्न कर दरों को क्रॉस-सब्सिडी के रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि गांधी इसे नहीं समझते हैं.
उन्होंने कहा, ”जो संपन्न लोगों के उपयोग की चीज हैं, उस पर अधिक कर है और जो गरीब लोगों की है, पिछड़ों के काम आने वाली है, किसानों के काम में आने वाली है… उस पर कम टैक्स रखा है. कोई विदेशी एनजीओ ने उनको पकड़ा दिया और वह बोलते रहते हैं. मतगणना तक बोलेंगे, फिर नया बोलेंगे कुछ और आप लोग बहुत गंभीरता से ले लेते होंगे.” लोकसभा चुनाव की मतगणना चार जून को होगी. चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होगा.
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