भाजपा की ‘डबल अन्याय सरकार’ में बांसगांव की उपेक्षा, मिर्जापुर के पीतल कामगारों की अनदेखी: कांग्रेस

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नयी दिल्ली. कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा कि उनकी ”डबल अन्याय सरकार” उत्तर प्रदेश के बांसगांव में बुनियादी ढांचा विकसित करने में क्यों विफल रही. पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत सरकार की योजनाओं से मिर्जापुर के पीतल कामगारों को वंचित रखे जाने पर भी सवाल उठाया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री की रैलियों से पहले उनसे कई सवाल पूछे. उन्होंने यह भी पूछा कि अब तक हर गांव में ऑप्टिकल केबल फाइबर कनेक्शन क्यों नहीं पहुंचाया जा सका.

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री की उत्तर प्रदेश यात्रा के लिए आज के प्रश्न:- भाजपा की ‘डबल अन्याय सरकार’ बांसगांव में आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने में क्यों विफल रही है? मिर्जापुर के पीतल कामगारों को मोदी सरकार की योजनाओं से क्यों वंचित रखा गया है?” उन्होंने यह भी पूछा, ”हर गांव में ऑप्टिक फाइबर कनेक्शन पहुंचाने के निर्वमान प्रधानमंत्री के वादे का क्या हुआ?” प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर सहित कई चुनावी रैलियों को संबोधित किया.

रमेश ने कहा कि बांसगांव जिले को भाजपा की “डबल अन्याय सरकार” के हाथों बड़ी उपेक्षा का सामना करना पड़ा है. यह (डबल अन्याय) भाजपा नेताओं द्वारा “डबल इंजन” सरकार के इस्तेमाल के संदर्भ में था. केंद्र और भाजपा-नीत राज्य सरकारों को ”डबल इंजन सरकार” कहा जाता है. उन्होंने दावा किया कि बांसगांव-रुद्रपुर सड़क अब भी अधूरी है, जो पिछले छह से सात वर्षों से निर्माणाधीन है. उन्होंने कहा कि रेलवे कनेक्टिविटी भी एक लंबे समय से जारी मुद्दा रहा है. रमेश ने दावा किया कि हालांकि सरकार ने सहजनवां-दोहरीघाट रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी है, लेकिन अब वह स्टेशन को बांसगांव से दूर स्थानांतरित करने की योजना बना रही है.

उन्होंने पूछा, ”बांसगांव जिले के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, लेकिन उन्हें सरकार से कभी कोई सहायता नहीं मिलती है. क्या निवर्तमान प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि उन्होंने बांसगांव के लोगों की दुर्दशा को नज.रअंदाज. क्यों किया?” कांग्रेस महासचिव ने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार की “एक जिला, एक उत्पाद” योजना से मिर्जापुर के पीतल श्रमिकों को बाहर कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि हालांकि यह योजना विशिष्ट स्वदेशी उत्पादों और शिल्प को प्रोत्साहित करने वाली है, लेकिन केवल बड़े ‘प्लेयर’ ही इसका लाभ उठा पाए हैं. उन्होंने कहा, ”मोदी सरकार ने बार-बार भारत के एमएसएमई को समर्थन देने में अपनी असमर्थता या कहें कि अनिच्छा दिखाई है. क्या निवर्तमान प्रधानमंत्री हमें बता सकते हैं कि उन्होंने मिर्जापुर के पीतल कारीगरों को अपनी सरकारी योजनाओं से बाहर क्यों रखा है?” कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2020 को 2023 तक भारत के सभी छह लाख गांवों में ऑप्टिक फाइबर कनेक्शन उपलब्ध कराने का ‘संकल्प’ लिया था. रमेश ने पूछा, ”केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने भी अपने बजट भाषण में इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में दावा किया, लेकिन चार साल बाद, निवर्तमान प्रधानमंत्री का लक्ष्य कहीं पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.”

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