कचरू साहू की हत्या का बालाघाट पुलिस ने किया खुलासा, 4 आरोपी गिरफ्तार
सामाजिक बहिष्कार के चलते हुई थी हत्या
कवर्धा/बालाघाट। बालाघाट जिले के बिरसा थाना क्षेत्र के लोहारीडीह गांव में हुए जसवप्रसाद उर्फ कचरु साहू की हत्या का बालाघाट पुलिस ने खुलासा कर दिया है। 15 सितंबर को कचरु साहू का शव पेड़ से लटका हुआ पाया गया था, जिसे शुरू में आत्महत्या के रूप में देखा गया था। लेकिन पुलिस की गहन जांच में यह पता चला कि कचरु की हत्या की गई थी। चार आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिनमें टेकचंद पटेल, रोशन साहू, दिनेश साहू, और रखीला दहरवने शामिल हैं।
घटना का विस्तृत विवरण
15 सितंबर की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि जंगल में एक व्यक्ति का शव पेड़ से लटका हुआ है। बिरसा पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू की। प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हुआ कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है, क्योंकि मृतक कचरु साहू का शव पेड़ से गमछे के जरिए लटका हुआ था।
हालांकि, पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और विस्तृत जांच शुरू की। मृतक के परिवार और गांव वालों से बातचीत के दौरान कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए, जिससे संदेह बढ़ा। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक का अपने गांव के कुछ लोगों से पुराना विवाद था, जिससे हत्या की आशंका और गहरी हो गई।
हत्या की साजिश
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि वे कचरु साहू से काफी समय से नाराज थे। कचरु गांव के लोहार समुदाय का मुखिया था और उसने आरोपियों के परिवार को सामाजिक बहिष्कार का सामना करने पर मजबूर किया था। इसके अलावा, कचरु और आरोपियों के बीच कई व्यक्तिगत और पारिवारिक विवाद भी थे।
इस नाराजगी के चलते, आरोपियों ने कचरु की हत्या की साजिश रची। उन्होंने उसे छत्तीसगढ़ की सीमा के बाहर, मध्य प्रदेश के जंगल में लाने की योजना बनाई। टेकचंद पटेल, जो कचरु का करीबी दोस्त था, ने उसे जंगल में बुलाया, जहां पहले से मौजूद रोशन साहू, दिनेश साहू और रखीला दहरवने ने कचरु को घेरकर हमला किया।
आरोपियों ने कचरु को डंडे से मारा, फिर गमछे से उसकी गर्दन घोंट दी। हत्या के बाद, उन्होंने घटना को आत्महत्या दिखाने की कोशिश की और कचरु के शव को उसी गमछे से पेड़ पर लटका दिया। इसके बाद, वे मौके से फरार हो गए।
हत्या का कारण
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि कचरु साहू के कारण उनका परिवार समाज से बाहर हो गया था। कचरु ने पहले दिनेश साहू के परिवार को समाज से निकाला था और गांव में उनका बहिष्कार किया था। इसके अलावा, कचरु ने आरोपियों के परिवारों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे, जिसमें हत्या और छेड़छाड़ के मुकदमे भी शामिल थे। इन विवादों के चलते, आरोपियों ने कचरु को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का निर्णय लिया।
पुलिस की सराहनीय कार्यवाही
घटना के गंभीर स्वरूप को देखते हुए, बालाघाट पुलिस अधीक्षक नागेंद्र सिंह ने मामले की गहन जांच के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैहर के.एल. बंजारे और एसडीओपी अरविंद शाह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बिरसा निरीक्षक रेवत सिंह बाड़े के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तत्परता से जांच की।
पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों का भी उपयोग किया, जिसमें मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल और आरोपियों के बीच की बातचीत की जांच शामिल थी। कई संदिग्धों से पूछताछ के बाद, टेकचंद पटेल से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस को अहम सुराग मिले। इसके बाद, पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने हत्या के इस मामले में चारों आरोपियों—टेकचंद पटेल (24), दिनेश साहू (33), रोशन साहू (32), और रखीला दहरवने (40)—को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने मामले में उपयोग किए गए मोबाइल और मोटरसाइकिल को भी जब्त कर लिया है।
पुलिस टीम को इनाम
इस सनसनीखेज मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली पुलिस टीम को बालाघाट पुलिस अधीक्षक नागेंद्र सिंह द्वारा ₹10,000 का इनाम घोषित किया गया है। इस टीम में एसडीओपी अरविंद शाह, निरीक्षक रेवत सिंह बाड़े, और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे, जिन्होंने इस जटिल मामले को सुलझाने में सराहनीय भूमिका निभाई।
यह मामला समाज में व्यक्तिगत दुश्मनी और विवादों के कारण होने वाले अपराधों की ओर इशारा करता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी विवाद को कानून के दायरे में सुलझाएं और ऐसी घटनाओं से बचें, जो समाज में हिंसा को बढ़ावा देती हैं।