कब है शारदीय नवरात्रि, करवा चौथ व्रत, धनतेरस, दीपावली और छठ पूजा
इन दिनों फेस्टिवल सीजन का दौर जारी है. पितृपक्ष के बाद 15 अक्तूबर को शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जायेगा. कलश स्थापना के साथ ही लोग खरीदारी भी शुरू कर देंगे.
ऐसे में शारदीय नवरात्रि, करवा चौथ व्रत, धनतेरस, दीपावली और छठ पूजा अब कुछ ही दिन शेष है. आइए जानते है शारदीय नवरात्रि, करवा चौथ व्रत, धनतेरस, दीपावली और छठ पूजा कब है.
इंदिरा एकादशी का व्रत कब है?
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि करते हैं. जिस व्यक्ति की आत्मा यमलोक या पितर लोक में कष्ट भोग रही होती है, उनकी मुक्ति के लिए इंदिरा एकादशी का व्रत रखना चाहिए. इस साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट से होगी. इस तिथि की समाप्ति 10 अक्टूबर दिन मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 08 मिनट पर होगी. ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, इंदिरा एकादशी का व्रत 10 अक्टूबर 2023 मंगलवार के दिन रखा जाएगा. इस साल की इंदिरा एकादशी का व्रत साध्य और शुभ योग में की जाएगी.
शारदीय नवरात्रि कब है?
आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है. इस वर्ष 2023 में नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होंगी और 24 अक्टूबर तक चलेंगी. इन नौ दिनों तक विधि-विधान से मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन से ही त्योहारों की महक चारों ओर फैलने लगती है. अक्टूबर महीने में मां दुर्गा का धरती पर आगमन होता है. इस महापर्व के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसे कलश स्थापना भी कहते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों तक पूरे नियमों के साथ मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. नवरात्रि के दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाला पर्व विजय दशमी भी मनाया जाता है. करवा चौथ का व्रत कब है?
करवा चौथ: सुहागिनों का त्योहार करवा चौथ आने में अब बस कुछ ही दिन बाकी है. करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है. करवाचौथ का व्रत इस साल 1 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, शाम को चांद निकलने के बाद इसको खोलती हैं. यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी अच्छे पति की कामना करते हुए रख सकती हैं. करवा चौथ का पर्व चंद्रमा की पूजा के बिना अधूरा माना जाता है. इस दिन भगवान गणेश और माता करवा की पूजा की जाती है.
धनतेरस कब है?
इस साल धनतेरस 10 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को है. इसे धनत्रयोदशी, धनवंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता हैं. इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत और यम दीपम भी रहेगा. धनतेरस की रात में यम के नाम दीप प्रज्वलति किए जाते हैं. मान्यता है इससे अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर देवता और यमराज की पूजा की जाती है. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन इसका समापन 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 57 पर होगा. धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में होती है.
दिवाली कब है?
हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार माना जाता है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और सुख-समृद्धि के देवता भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है. इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 की दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है. इसका समापन अगले दिन 13 नवंबर 2023 दिन सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा. हिंदू धर्म में वैसे तो उदया तिथि के आधार पर पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा रात में प्रदोष काल के समय करना शुभ होता है, इसलिए दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी.
छठ पूजा कब है?
सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है. इस साल षष्ठी तिथि को 19 नवंबर 2023 को है. इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अगले दिन उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है, इसके अगले दिन खरना मनाया जाता है. इस दिन व्रती दिनभर उपवास कर शाम में पूजा करने के पश्चात प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसके पश्चात लगातार 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं. इस साल नहाय खाय 17 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को है. खरना 18 नवंबर 2023 दिन शनिवार को है. वहीं 19 नवंबर 2023 दिन रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. 20 नवंबर 2023 दिन सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा का समापन और पारण होगा.