छत्तीसगढ़: धरसींवा के तिवरैया गांव में खेत से निकला चमत्कारी शिवलिंग, प्रतिदिन बढ़ रहा शिवलिंग का आकार…
तिवरैया गांव बना जनआस्था का केंद्र
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 20 किमी दूर धरसींवा के तिवरैया गांव के लोग उस वक्त हैरत में पड़ गए जब खेत में लगभग डेढ़ फीट ऊंची शिवलिंगनुमा शिला निकली। इसके बाद आसपास के गांव के लोग शिवलिंग के दर्शन के लिए यहां आ रहे हैं। ग्रामीणों ने यहां पूजा शुरू कर दी है। फिलहाल तिवरैया गांव जनआस्था का केंद्र बना हुआ है।
दरअसल, एक माह पहले साहू परिवार के खेत में लगभग डेढ़ इंच ऊंची शिवलिंगनुमा शिला निकली थी। उसे धान की फसल की निराई-गुड़ाई करते समय किसान परिवार और अन्य लोगों ने देखा था। बात आई-गई हो गई थी, लेकिन जनआस्था दो दिन पहले तब उमड़ी, जब कुछ लोगों ने बताया कि शिला की आकृति बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि यह शिला एक माह पहले दो इंच की थी, लेकिन अब दो फीट की हो गई है।
खेत में निकले शिवलिंगनुमा आकृति का पत्थर का आकार बढ़ने से यह ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित होकर स्वयंभू शिवलिंग रूप में फूल, नारियल और जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। दिनभर जहां शिवलिंग रूप में पूजा-अर्चना का सिलसिला जारी है। रात में भी दर्शन के लिए लोग पहुंच रहे हैं। गांव के सरपंच पति राजेंद्र साहू व अन्य ग्रामीणों ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि तिवरैया ग्राम में साहू परिवार के खेत में यह शिवलिंग आकृति की शिला निकली, उस खेत में धान का फसल लगा था।
निराई-गुड़ाई के समय दो इंच का पत्थर उभरा दिखा। एक माह बाद जब उस शिला पर नजर पड़ी तो वह डेढ़ फीट का हो गया था। शिवलिंग के आकार में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई। ग्रामीणों की नजर पड़ने बाद दो दिनों से स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ। न सिर्फ गांव के बल्कि, दूरदराज से भी लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं। अब तक सैकड़ों लोग दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। वहीं खबर जैसे फैलती जा रही है। लोगों का दर्शन के लिए पहुंचने का सिलसिला जारी है। खेत के मालिक भी स्वयंभू शिवलिंग रूप को भगवान शिव का आशीर्वाद मान प्रसन्न हैं।
प्रतिदिन बढ़ रहा शिवलिंग
ग्रामीणों का कहना है यह शिवलिंग प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वहीं इसमें गणेश भगवान के सूंड़ की आकृति नजर आ रही है। इसे ग्रामीण भी दैवीय चमत्कार मान रहे हैं। पूजा-अर्चना के बीच यहां का दृश्य भी अब देखते ही बन रहा है। ग्रामीण व खेत के मालिक ने यहां पर मंदिर स्थापित करने की योजना भी बना रहे हैं।