क्या इस प्रकार पुस्तक को भरी सभा में फाड़ना सही है?
रायपुर। राज्य शिक्षा प्रशिक्षण शोध परिषद द्वारा प्रकाशित कक्षा 5वी की एक किताब में “चमत्कार” पाठ में ठगी की बात को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने सभा में पुस्तक में छापे पाठ को हिंदू धर्म के खिलाफ बताते हुए फाड़ दिया। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कवर्धा जिले में दो दिवसीय प्रवास पर हैं. इस दौरान वे आज जुनवानी गांव में आयोजित यज्ञ कार्यक्रम में शामिल हुए।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए एससीईआरटी द्वारा प्रकाशित कक्षा 5 के ‘चमत्कार’ पाठ में लिखे शब्दों का जिक्र करते हुए कहा कि साजिश के तहत छोटे बच्चों के मन में साधुओं के प्रति घृणा और गलत धारणा भरी जा रही है. शंकराचार्य ने कहा कि बलात्कारी, साधु या स्वामी भेष में ही नहीं कई रूपों में आते हैं, उनका उल्लेख पाठ में क्यों नहीं किया गया। यह गलत है। शंकराचार्य ने पुस्तक में लिखे पाठ को हटाने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की भी मांग की है.